चम्बल को प्रदूषण से बचाने की सभी की जिम्मेदारी : हेमा सरस्वती

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कोटा। गंगा अवतरण दिवस पर बुधवार को प्रातः चम्बल संसद द्वारा मौजीबाबा की गुफा पर आध्यात्मिक संगोष्ठी आयोजित की गई। महामण्डलेश्वर हेमा सरस्वती ने कहा कि चम्बल को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए व्यापक जनजागृति के साथ सांझा प्रयासों से अभियान चलाया जाना चाहिए। नदियां हमारे लिए पूजनीय ही नहीं पेयजल का स्त्रोत भी है। सरकारों के साथ व्यक्ति को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। चम्बल भी गंगा परम्परा की वाहक है।

गोदावरीधाम के संचालक एवं वानर सेना के संयोजक गजेंद्र भार्गव ने कहा कि गोदावरीधाम के पास दो बड़े गंदे नाले चम्बल में गिर रहे है। अमर निवास के बीच पॅालीथीन की 10 फुट की दीवार बन गई है,जिसमें आग लगती रहती है। प्रशासन को चाहिए कि अधरशिला व गोदावरी के बीच की प्राचीन तलाई को बहाल कर चम्बल में गिरने वाले सोलिडवेस्ट को तुरंत रोके। इससे जन भावना प्रभावित हो रही है।

गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी एवं संसद के सभापति जीडी पटेल ने बताया कि चम्बल संसद चम्बल नदी अपने विचार रखने का साझा मंच है। इस पर हर नागरिक को बोलने का अधिकरी है। हाड़ौती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने कहा कि नदियों को पवित्र रखना और बचाना सामुहिक जवाबेदही है। किसान चम्बल को बचाने ही मुहिम में शामिल रहेंगे।

चम्बल संसद के सचिव एवं जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि चम्बल का प्रदूषित रहना गंभीर पर्यावरणीय संकट है। सामाजिक संस्थाऐं व सरकार इतने विनाश पर कुछ तो हिलने लगी है, लेकिन कहीं पर्यावरणीय आपातकाल के हालात न बन जाऐं उससे पहले ही चम्बल को बचाना होगा।

पूर्व देहात जिला अध्यक्ष भाजपा डॉ. एलएन शर्मा ने चम्बल को बचाने के लिए जागरूकता पर जोर दिया। बॉयोलोजिस्ट डॉ. कृष्णेंद्र सिंह ने चम्बल पर उत्पन्न खतरों से आगाह करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी की कल्पना चम्बल के बिना नहीं हो सकती। आईएसटीडी की चेयरपर्सन अनिता चौहान ने चम्बल को बचाने में आध्यात्मिक पहल की आवश्यकता बताई और कहा कि केवल गंगा को पूजना पर्याप्त नहीं है, चम्बल समेत हर नदी हमारी लापरवाही से संकटग्रस्त हो गई।

किसान नेता जगदीश कुमार ने कहा कि चम्बल हमारी मां है कहने से काम नहीं चलेगा, उसके लिय काम करना होगा। आजादी बचाओ के राजेंद्र जैन, डॉ किरण चौधरी, अखिलेश बेगरी, हनुमंत कटारिया, अर्जुन क्लासेज के निर्देशक मुकेश सुमन,सोमेश्वर महादेव मंदिर के विनोद चतुर्वेदी आदि ने विचार व्यक्त किए। सायंकाल गोदावरीधाम के पुजारी गजेंद्र भार्गव के सानिध्य में चम्बल की आरती की गई, जिसमें सैकड़ों पर्यावरणप्रेमी व धर्म बंधु शामिल हुए।