क्रूड-रिफाइंड सॉफ्ट एडिबल ऑयल पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी, खाद्य तेल होंगे महंगे

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नई दिल्ली। भारत में इडिबल ऑयल का इंपोर्ट करना अब महंगा हो जाएगा। सरकार ने सोया ऑयल, सनफ्लॉवर ऑयल और कैनोला ऑयल जैसे क्रूड सॉफ्ट इडिबल ऑयल पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 35 फीसदी और रिफाइंड सॉफ्ट इडिबल ऑयल पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 45 फीसदी कर दी है।

ड्यूटी में यह बढ़ोत्तरी इसलिए भी अहम है, क्योंकि इंडस्ट्री बॉडी ने ऊंचे टैक्स की वजह से पॉम ऑयल के इंपोर्ट के कई साल के निचले स्तर पर पहुंचने की संभावना जताई है।

इससे पहले क्रूड सोया ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी 30 फीसदी थी और सनफ्लॉवर ऑयल व कैनोला ऑयल पर 25 फीसदी ड्यूटी लगती थी। तीनों इडिबल ऑयल्स के रिफाइंड फॉर्म्स पर इंपोर्ट ड्यूटी 35 फीसदी लगती थी।

क्रूड और रिफाइंड पॉम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया गया। क्रूड पॉम ऑयल और क्रूड पॉमोलिन पर इंपोर्ट ड्यूटी 44 फीसदी और रिफाइंड ब्लीच्ड व डिओड्राइज्ड पॉमोलिन पर इंपोर्ट ड्यूटी 54 फीसदी है।

38 फीसदी गिर सकता है पॉम ऑयल का इंपोर्ट
इससे पहले सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने एक बयान में कहा कि ऊंची इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से भारत में पॉम ऑयल का इंपोर्ट 38 फीसदी तक गिर सकता है, जो लगभग लगभग साढ़े चार साल के निचले स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।

मलेशिया में पॉम ऑयल की कीमतों पर बढ़ सकता है प्रेश
दुनिया के सबसे बड़े वेजिटेबल ऑयल इंपोर्टर भारत द्वारा कम इंपोर्ट से मलेशिया के पॉम ऑयल फ्यूचर्स पर दबाव बढ़ सकता है, जो पहले से अपने 22 महीने के निचले स्तर पर ट्रेड हो रहा है।एसईए के मुताबिक मई में भारत में 4,96,478 टन पॉम ऑयल का इंपोर्ट किया, जो फरवरी, 2014 के बाद सबसे कम है।

मई में भारत का सोया ऑयल इंपोर्ट एक साल पहले की तुलना में 16.6 फीसदी बढ़कर 3,96,969 टन हो सकता है, जबकि सनफ्लॉवर ऑयल का इंपोर्ट दोगुना बढ़कर 3,30,985 टन हो सकता है।