कोरोना वैक्सीन के बाद भी लोग पॉजिटिव क्यों, जानिए वजह

0
813

नयी दिल्ली। कोविड -19 (Covid-19) महामारी से बचने के लिए हम सभी को वैक्सीन का इंतजार था। सभी का मानना है कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है। अच्छी खबर है कि भारत में वैक्सीन आ गई है और लोगों को लगना भी शुरू हो गई है। देखा जा रहा है कि वैक्सीन लगने के बाद भी लोगों को कोरोना हो रहा है और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। जिस वजह से लोगों की चिंता डबल हो गई है । बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग अब असमंजस में हैं, कि वैक्सीन लगवाएं या नहीं।

खैर सरकार ने सभी को कोरोना से बचने का एक बेहतरीन मौका दिया है, इसलिए अपनी जिम्मेदारी समझते हुए वैक्सीन जरूर लगवाएं। सावधानी के साथ जरूरी बातों का ध्यान रखते हुए अगर वैक्सीन लगवाएंगे, तो कोरोना आपको छू तक नहीं पाएगा। तो चलिए इस हम जानते हैं कि आखिर टीकाकरण के बाद भी लोगों के पॉजिटिव होने के कारण क्या हैं।

प्रोटोकॉल का पालन न होना
लोगों में कोरोना का डर पहले से बहुत कम हो गया है। लोग पूरी तरह से एहतियाती उपायों का पालन नहीं कर रहे हैं। यह स्थिति तब है जब सरकार बार-बार लोगों को मास्क पहनने, हाथों को साफ करने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दे रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताए गए सेफ्टी प्रोटोकल की अनदेखी करने से मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।

टीकाकरण के नियमों का पालन न करना
वैक्सीन लगवाने के दौरान डॉक्टर बार-बार लोगों को वैक्सीन के नियम बता रहे हैं। डॉक्टर की टीम द्वारा टीकाकरण के पहले और बाद में किए जाने वाले उपाय भी समझाए जा रहे हैं, लेकिन लोग इनकी बात न मानते हुए बस अपनी मनमर्जी कर रहे हैं, जिसका खामियाजा उन्हें कोविड शॉट लेने के बाद भुगतना पड़ रहा है।

वैक्सीन समय पर न मिलना
वैक्सीन के बाद भी व्यक्ति के पॉजिटिव निकलने का एक कारण वैक्सीन डोज समय पर न मिलना है। लोगों को पहली डोज तो समय पर मिल रही है, लेकिन सैकंड डोज के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। या तो डोज देरी से मिल रही है या फिर मिल ही नहीं रही। ऐसे में जिसने पहली डोज लगवा ली है और सैकंड डोज नहीं ली है, उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

तो क्या ये री-इंफेक्शन है
वैसे टीकाकरण के बाद भी संक्रमित होने की प्रक्रिया को लोग री-इंफेक्शन मान रहे हैं। लेकिन ये सच नहीं है। यदि टीकाकरण के बाद संक्रमण हो भी जाए, तो डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि टीकाकरण के बाद यह संक्रमण हल्का होगा। बता दें कि टीकाकरण दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए ट्रांसमिशन की संभावना को भी कम करता है।

वैक्सीनेशन का मतलब वायरस का अंत नहीं..
विशेषज्ञों की मानें, तो वैक्सीनेशन का मतलब वायरस का अंत होना नहीं है। बल्कि टीकाकरण वायरस के खतरनाक प्रभावों के खिलाफ पूरी तरह से आपके शरीर की रक्षा करता है। संक्रमण तो किसी भी समय हो सकता है, टीकाकरण सिर्फ उन गंभीर मामलों को दूर करने में मदद कर सकता है। जिन लोगों को टीका लगाया गया है , उन्हें वायरस को रोकने के लिए सभी दिशा निर्देशों का पालन करने की जरूरत है। वरना जरा सी लापरवाही वायरस को अन्य लोगों तक भी पहुंचा सकती है।

आपको ये समझना होगा कि अब तक कोई टीका ऐसा नहीं है, जो वायरस के खिलाफ 100 प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी देता है। अगर आपको टीका लगाया जाता है, उसके बाद भी आपको सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए। ट्रांसमिशन रेट में कमी लाने के लिए वैक्सीनेशन की जरूरत है इसलिए सभी को यह लगवाना चाहिए। इससे व्यक्ति खुद भी सुरक्षित रहेगा और दूसरों को भी सुरक्षित रख सकेगा।वैक्सीन