डूबने के बाद शेयर बाजार ने लगाई छलांग, सेंसेक्स 1400 अंक उछला

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मुंबई। मुंबई शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने ही पूरी गिरावट को रिकवर कर लिया है। यहां तक कि सेंसेक्स में करीब 1400 और निफ्टी में लगभग 400 अंकों की बढ़त आ चुकी है। अगर दिन के निचले स्तर से देखें तो एक वक्त ऐसा भी आया, जब सेंसेक्स में रिकवरी के बाद कुल बढ़त 5300 अंकों से भी ऊपर चली गई।

बता दें कि सेंसेक्स ने 3,090.6 अंक गिरकर 29,687.52 का लोअर सर्किट छुआ था, इस वजह से सेंसेक्स पर कारोबार 45 मिनटों के लिए रोक दिया गया था। इसके अलावा, निफ्टी 966.10 (10.07%) अंक गिरकर 8,624.05 पर जा पहुंचा, जिसके चलते उसका भी कारोबार रोक दिया गया था।

शुरुआती कारोबार
बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 1500 से ज्यादा कि गिरावट के साथ खुला और खुलते ही गिरावट 2400 से ज्यादा हो गई, फिर 5 मिनटों के बाद 3000 से ज्यादा लुढ़क गया इंडेक्स। निफ्टी में भी 7 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट देखी गई, शुरुआती मिनट में ही इंडेक्स 9000 के नीचे पहुंच गया और कुछ मिनट बाद 10 पर्सेंट गिरावट देखी गई। निफ्टी पर लोअर सर्किट लग गया, जिसकी वजह से कारोबार रोकना पड़ गया है। सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान पर देखे गए।

भारतीय बाजार में कोरोनावायरस खौफ कायम है। सेंसेक्स में लगातार दूसरे दिन बड़ी गिरावट देखी गई। बीएसई का शेयर सूचकांक 3600 अंक गिर गया। 9:15 बजे शुक्रवार को बाजार खुलते ही 2534 अंक गिर गया। कुछ देर बाद ही बाजार 3103 अंक गिरकर 30,000 अंकों के नीचे पहुंच गया। बाजार में आई तेज गिरावट के कारण लोबर सर्किट लगा दिया गया है।

इसके बाद ट्रेडिंग को 45 मिनट के लिए रोक दिया गया है। अभी सेंसेक्स 29,687.19 अंकों पर है। इसी तरह निफ्टी 852 अंक गिरकर खुला। थोड़ी देर में गिरावट बढ़कर 966.10 अंकों की हो गई। निफ्टी 8624 अंकों पर कारोबार कर रहा है। बाजार के 10% या उससे ज्यादा गिरने पर लोअर सर्किट लगा दिया जाता है।

क्यों लगाया जाता है सर्किट ब्रेकर
शेयर बाजार के एक सीमा से ज्यादा बढ़ने या गिरने पर सर्किट ब्रेकर लगाया जाता है। इसका मकसद शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव को रोकना होता है।

कैसे लागू होता है सर्किट ब्रेकर
शेयर बाजार में सर्किट ब्रेकर लगाने का भी एक नियम है। एनएसई की बेवसाइट के अनुसार अगर दोपहर 1 बजे के पहले शेयर बाजार 10 फीसदी बढ़े या गिरे तो सर्किट ब्रेकर के तहत अपर सर्किट या लोअर सर्किट लगाया जाता है। ऐसी स्थिति में ट्रेडिंग को 45 मिनट के लिए रोका जाता है। लेकिन अगर 1 बजे के बाद 10 फीसदी उतर चढ़ाव दर्ज किया जाता है तो कारोबार को केवल 15 मिनट के लिए ही रोका जाता है। इसी प्रकार 15 और 20% के लिए भी नियम हैं।