कोरोनावायरस राष्ट्रीय आपदा घोषित, लेकिन मौत पर मुआवजा देने से पीछे हटी सरकार

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नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस संक्रमण के 99 मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को इसे आपदा घोषित किया, लेकिन महज तीन घंटे बाद ही मौत पर मुआवजे का प्रावधान वापस ले लिया। दोपहर 3.13 बजे जारी आदेश में गृह मंत्रालय ने कोरोनावायरस से किसी की मौत होने पर परिवार को चार लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी।

राहत कार्यों में शामिल व्यक्तियों को भी मुआवजे के दायरे में रखा गया था। इसके लिए राज्य आपदा राहत कोष से मदद देने की बात कही गई थी। महज 3 घंटे बाद शाम 6.10 बजे इस बारे में सरकार की तरफ से नया आदेश जारी किया गया, जिसमें कोरोनावायरस को आपदा तो माना गया, लेकिन मृतक के परिवार को मुआवजे देने का कोई जिक्र नहीं था।

केंद्र सरकार से पहले ओडिशा कोरोनावायरस को आपदा घोषित कर चुका है। वहीं, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड ने इसे महामारी घोषित किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी इसे वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है। महामारी घोषित किए जाने के बाद बीमारी की रोकथाम और इलाज के लिए संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी आसानी होती है।

क्या होती है राष्ट्रीय आपदा?
आपदा का मतलब है- किसी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से, इंसान या किसी दुर्घटना की वजह से भारी विपत्ति आना। इससे जनहानि या संपत्ति का इतना नुकसान हो कि स्थानीय समुदाय के लिए उससे निपटना असंभव हो। बाढ़, तूफान, चक्रवात, भूकंप, सुनामी को प्राकृतिक आपदा और एटमी, जैविक या रासायनिक आपदाओं को मानव जनित आपदा कहा जाता है। हालांकि, इसे घोषित करने के लिए कोई तय मानक नहीं हैं।

इसके क्या फायदे होते हैं?
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा घोषित होने पर ऐसी स्थिति एनडीआरएफ को मदद के लिए भेजा जाता है। आपदा राहत कोष के जरिए 75% मदद केंद्र और 25% राज्य सरकार करती हैं। जरूरत होने पर केंद्र के 100% फंडिंग वाले ‘राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक फंड’ से अतिरिक्त सहायता दी जाती है। प्रभावित लोगों को कर्ज में रियायत दी जाती है।

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले
देश में शनिवार तक कोरोनावायरस के 99 मामले सामने आ चुके थे। हालांकि, केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर 84 मामलों की ही पुष्टि की। संक्रमण के सबसे 26 ज्यादा मामले महाराष्ट्र में मिले, जिसके बाद वहां स्कूल-कॉलेज, सिनेमा हॉल और शॉपिंग मॉल बंद कर दिए गए। वहीं, कई दूसरे राज्यों ने भी एहतियात के तौर पर लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी लगा दी।