कोटा में हवाई सेवा को लेकर आ रहे गतिरोध से व्यापार एवं उद्योग जगत में आक्रोश

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कोटा में एयरपोर्ट की मांग को लेकर 13 सितम्बर के बाद होगा जन आंदोलन

कोटा। कोटा व्यापार महासंघ एवं दी एसएसआई एसोसियेशन के संयुक्त तत्वाधान में कोटा में हवाई सेवा में आ रहे गतिरोध को लेकर बुधवार को एक बैठक गोबरिया बावड़ी स्थित पुरुषार्थ भवन पर आयोजित की गई।

कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन महासचिव अशोक माहेश्वरी, दी एसएसआई एसोसियेशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल, अध्यक्ष अमित सिंघल, सचिव अक्षय सिंह ने बताया कि कोटा में  नए हवाई अड्डे की स्थापना को लेकर बार-बार नई-नई पेचीदगियां सामने आ रही हैं, जिसके चलते यह मामला फिर अधरझूल में लटकता नजर आ रहा है, जो कोटा के विकास में बहुत बड़ी रुकावट है।

बैठक में शहर के 150 व्यापारिक, औद्योगिक संगठनों एवं सैकड़ो व्यापारी-उद्यमियों ने भाग लिया और सभी ने एक मत होकर कोटा में हवाई सेवा की मांग पूरी न होने के चलते इसे कोटा की अनदेखी बताया। सभी वक्ताओं ने कहा कि सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि जन भावनाओं एवं शहर के विकास व रोजगार को दृष्टिगत रखते हुए राजनीति से ऊपर उठकर कोटा के विकास कार्यों मे जो भी रुकावट आ रही हैं उसका आपसी सामंजस्य बैठाकर इसे अंजाम तक पहुंचाएं।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कोटा पर्यटन नगरी के रूप में देश के मानचित्र पर अपना स्थान बनाने की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए यहां पर करोड़ों रुपए का निवेश हो चुका है। साथ ही यहां के व्यापार उद्योग और शैक्षणिक माहौल को गति देने के लिए भी यहां हवाई सेवा की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

उन्होने बताया कि कोटा के पर्यटन की दृष्टि से हुए विकास कार्यों का लोकार्पण करने के लिए 12 एवं 13 सितंबर को मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल कोटा प्रवास पर आ रहे हैं। कोटा की जन-जन की आवाज है कि कोटा में राज्य सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में ही हवाई सेवा को लेकर आ रहे सारी गतिरोधों को विराम देते हुए हवाई सेवा का मार्ग प्रशस्त करे।

बैठक में कोटा व्यापार महासंघ के उपाध्यक्ष सुरेंद्र गोयल विचित्र ने कहा कि कोटा में हवाई सेवा को लेकर दोनों सरकारों के बीच फुटबॉल का मैच बन चुका है, जिसका खामियाजा कोटा की जनता को भुगतना पड़ रहा है। कोटा की जनता को अब रेफरी की भूमिका में आ जाना चाहिए ताकि इसके सकारात्मक परिणाम शीघ्र ही निकल सके।

लोहा व्यापार संघ के अध्यक्ष सुभाष अग्रवाल ने कहा कि कोटा के व्यापारी उद्यमी आमजन को पूरे शहर में हवाई सेवा को लेकर जन जागृति अभियान चलाकर जन-जन में चेतना पैदा करनी चाहिए, जिससे सरकार को शीघ्र ही इस पर ठोस निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़े।

सतनारायण गुप्ता, मुकेश भटनागर, हेमंत जैन, अनिल अरोड़ा, डॉ. डीके शर्मा सहित कई वक्ताओं ने कहा कि शहर के विकास से जुड़े इस महत्वपूर्ण मसले पर एक बड़ा जन आंदोलन किया जाए। अगर 12 व 13 सितंबर को राज्य मंत्रिमंडल की कोटा में होने बैठक में हवाई सेवा के बारे में कोई घोषणा नहीं होती है तो कोटा शहर में एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाए। 14 तारीख के बाद कोटा में हवाई सेवा की मांग पूरी होने तक एक बड़ा जन आंदोलन शहर में सिल सिलेवार चलाया जाएगा।

बैठक में चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के सचिव अशोक लोढ़ा, कोटा डिस्टिक सेंटर हॉस्टल एसोसिएशन के सचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि कोटा के शैक्षणिक माहौल को राष्ट्रीय स्तर पर भ्रामक प्रचार करके बदनाम किया जा रहा है। अतः हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे भ्रामक प्रचार को रोके जाने के लिए सभी वर्गों को प्रयास करना चाहिए।

बैठक में प्रेम भाटिया, प्रमोद पालीवाल, संजय सिह लूथरा, अनिल मूंदड़ा, केपी सिंह, रमेश कालानी, राजेश गुप्ता ने एक मत से कहा कि रीको द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए उद्योग विभाग एवं पर्यटन विभाग द्वारा होटल, मोटल, हॉस्पिटल एवं रिसोर्ट को उद्योग का दर्जा दिए जाने के बावजूद भी रीको  विभाग अपने क्षेत्र में इनको अनुमति प्रदान नहीं कर रहा है, जिसमें भूमि रूपांतरण में उद्यमियों को भारी परेशानियां आ रही है। अतः राज्य सरकार 12 व 13 सितंबर को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इनको भी उद्योग का दर्जा देने की घोषणा करे।

बैठक में सभी वक्ताओं ने एकमत से यह निर्णय लिया कि केंद्र एवं राज्य सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा एवं 12 एवं 13 सितंबर को राज्य के मंत्रिमंडल की बैठक में इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं होता है तो आगे बड़े जन आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी।