कैंसर से भारत में मृत्यु दर में छह प्रतिशत की वृद्धि : डाॅ. सान्याल

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कोटा । महावीर कैंसर संस्थान पटना के निदेशक डाॅ. बी. सान्याल ने कहा कि देश की जनसंख्या करीब सवा सौ अरब है। लेकिन, इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में कैंसर से करीब 1300 लोगों की मौत हर रोज होती है, इस तरह साल में करीब 5 लाख लोग मौत के गाल में समा जाते हैं। टीबी के बाद कैंसर मौत के प्रमुख कारणों में से एक बन गया है। राष्ट्रीय कैंसर पंजीकरण कार्यक्रम के आंकड़ों के अनुसार, कैंसर के चलते भारत में मृत्यु दर में करीब छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

वे सोमवार को आईएमए की ओर से ‘भारतीय संदर्भ में कैंसर की देखभाल’ विषय पर सीएमई में सम्बोधित कर रहे थे। । उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की बढ़ती आबादी, अव्यवस्थित जीवन शैली, तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों का उपयोग, अस्वास्थ्यकर भोजन और बीमारी की समय पर पहचान कर पाने की चिकित्सकीय सुविधाओं के अभाव के कारण कैंसर से होने वाली मौत के मामले बढ़ रहे हैं।

महिलाओं में स्तन कैंसर के साथ लंग्स कैंसर का खतरा बढ़ा
उन्होने बताया कि पुरुषों में 23 प्रतिशत और महिलाओं में 17 प्रतिशत फेफड़ा (लंग) कैंसर का रिस्क बढ़ा है। इसकी वजह तंबाकू सेवन और धूम्रपान है। पहले महिलाओं में सबसे ज्यादा 25 प्रतिशत स्तन कैंसर का खतरा रहता था। अब स्तन कैंसर के साथ ही फेफड़ा (लंग) कैंसर का भी खतरा बढ़ गया है।

मोटी महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा अधिक
डाॅ. हेमंत दाधीच ने कहा कि कैंसर से होने वाली 30 प्रतिशत मौत के मामले तंबाकू सेवन, अल्कोहल, अनियंत्रित खान-पान और मोटापा है। भारत में 35 से 40 साल की 35 प्रतिशत महिलाएं मोटी हैं। इन महिलाओं में से करीब एक चौथाई महिलाओं में स्तन कैंसर के काफी आशंका पाई गई हैं।

उन्होने बताया कि केवल 6 से 10 प्रतिशत महिलाओं को ही स्तन कैंसर के स्व-परीक्षण के बारे में मालूम है। देश में हर 10 लाख बच्चों में से करीब 38 से 124 कैंसर के मामले सामने आते हैं, वहीं हर साल दर्ज होने वाले कैंसर के कुल मामलों में से 1.6 से 4.8 प्रतिशत मामले 15 साल से कम उम्र के बच्चों के हैं। बच्चों में कैंसर अनुवांशिक और प्रदूषण की वजह से होता है।

डाॅ. मनमोहन अग्रवाल ने कहा कि देश में हर साल लगभग 8 लाख लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की चपेट में रहे हैं। इस साल कैंसर रोगियों की संख्या करीब 25 लाख के आसपास पहुंच गई है। महिलाओं में जहां कैंसर का कारण हार्मोंस ज्यादा होना है, वहीं पुरुषों में तंबाकू सेवन इसकी सबसे बड़ी वजह है।

धूम्रपान और तंबाकू से कैंसर का खतरा अधिक
उन्होने बताया कि धूम्रपान या तंबाकू सेवन से पुरुषों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। पुरुषों में फेफड़ा (लंग) कैंसर के 60-70 प्रतिशत मामलों की मुख्य वजह तंबाकू ही है। बड़े शहरों में महिलाओं में गर्भाशय कैंसर अधिक मिला है। डाॅ. केके डंग ने कहा कि इस खतरनाक बीमारी के इलाज के लिए उन्नत तकनीक की कमी है। इस बीमारी के लिए प्रदूषण, अनियंत्रित खान-पान, तंबाकू एवं धूम्रपान जिम्मेदार मान हैं।