कब कौन सी फसल उगानी है अब बताएगा मोबाइल एप

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बेंगलुरु । अब मोबाइल एप बताएगा कब कौन सी फसल उगानी है और कब क्या करना है। यहाँ तक की बाजार में कौन सी फसल में तेजी -मंदी का अनुमान भी यह बताएगा। कर्नाटक कृषि मूल्य आयोग ने तकनीकी क्षेत्र का प्रमुख कंपनी आईबीएम के साथ साझेदारी की है। इसमें कृत्रिम मेधा (एआई), बिग डेटा और मशीन लर्निंग तकनीकों का प्रयोग करके एक स्मार्ट प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है जो टमाटर फसल की कीमतों के पैटर्न का अनुमान लगाएगा।

इस महीने शुरू किया गया यह प्लेटफॉर्म तीनों जिलों के किसानों को यह निर्णय लेने में मदद करेगा कि किस कीमत पर, किस समय तथा कहां पर फसल को बेचा जाए। आईबीएम रिसर्च एआई के उपाध्यक्ष श्रीराम राघवन कहते हैं, ‘यह एप डैशबोर्ड की तरह है जो आगामी किसी भी दी गई तारीख के लिए बाजार मूल्यों के रुझान की भविष्यवाणी करेगा।’

संयोग से यह किसानों के लिए बाजार के रुझान बताने वाला भारत का पहला प्लेटफॉर्म है। कृषि उत्पादों के लिए बनाए गए इस मंच को बनाने में एआई, बिग डेटा और मशीन लर्निंग के साथ ही आईबीएम के वॉटसन डिसिजन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया है। मांग और आपूर्ति के ऐतिहासिक आंकड़ों का अध्ययन करने के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग होगा।

करीबी राज्यों के बाजारों में फसल की कीमतें भी यहां दिखायी देंगी और किसान इसका लाभ ले सकेंगे। किसी भी दी गई तारीख के हिसाब से 15 दिन का बाजार रुझान दिखाया जाएगा जिससे कर्नाटक के किसानों को फसल बेचने का निर्णय लेने में लाभ मिलेगा।

कर्नाटक के दावणगेरे और हावेरी जिले के किसानों के लिए प्लेटफॉर्म पर मक्का की कीमतों के अनुमान भी मिलेंगे। इस प्रक्रिया के पहले चरण में फसल के उत्पादन का अनुमान लगाया जाता है। इसके लिए उपग्रह से मिले चित्रों की सहायता से पोषण, नमी, मिट्टी में पानी का स्तर और फसल का रकबा आदि पैमानों पर आंकड़े जुटाए जाएंगे।

आईबीएम का मौसम प्लेटफॉर्म ‘दी वेदर कंपनी’ दूरस्थ क्षेत्रों से मौसम संबंधी महत्त्वपूर्ण आंकड़े जुटाएगा। राघवन कहते हैं, ‘इंटरनेट ऑफ द थिंग्स समर्थित सेंसरों की सहायता से फसल की स्थिति पर नजर रखी जाती है। इससे जुटाए गए आंकड़ों का एआई तकनीक की मदद से विश्लेषण किया जाता है।’

हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय फसल अनुसंधान केंद्र तकनीकी कंपनी माइक्रोसाॉफ्ट के साथ मिलकर एक बुआई ऐप तैयार किया है जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के किसानों को खेत तैयार करने से लेकर किसी फसल को बोने तक की जानकारी उपलब्ध कराएगा।

इसके पीछे विचार यह है कि इन दिशानिर्देशों की मदद से किसानों को बेहतर फसल की प्राप्ति हो। माइक्रोसॉफ्ट के कॉर्टोना इंटेलीजेंस सूट का इस्तेमाल करने वाला यह ऐप एआई, मशीन लर्निंग, मौसम अनुमान मॉडल और कृषि तथा मौसम संबंधी आंकड़ों के बीच एक इंटरफेस की तरह काम कर रहा है।

एग्रीटेक कंपनियों द्वारा किए जा रहे नवोन्मेष कृषि क्षेत्र में अहम योगदान कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, बेंगलूरु स्थित एग्रीटेक फर्म क्रॉपइन टेक्नोलॉजी ने एक ऐप विकसित किया है जो खेत की जुताई के पहले चरण से लेकर फसल की कटाई तक के आखिरी चरण तक की जानकारी देता है।