एयर स्ट्राइकः दिल्ली, मुंबई समेत 5 शहरों में ‘हाई अलर्ट’

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नई दिल्ली/जयपुर । पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर वायुसेना की कार्रवाई के बाद अगले 72 घंटों तक के लिए दिल्ली और मुंबई समेत भारत के 5 शहरों को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है। इनमें से कम से कम तीन शहर पाकिस्तान के सीमावर्ती राज्य पंजाब, राजस्थान और गुजरात के हैं।

सूत्रों के मुताबिक खुफिया अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल सीधे पाकिस्तानी सेना से देश को ज्यादा खतरा नहीं है लेकिन कश्मीर घाटी में सक्रिय आईएसआई समर्थित आतंकी मॉड्यूल देश में अप्रिय घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। इस मद्देनजर देश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। उत्तर और पश्चिम भारत में परमाणु प्रतिष्ठान, एयरबेस, नौसेना कमान, सेना के शिविर और छावनी क्षेत्र को भारी सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है।

एटीएस को मिले मौखिक निर्देश
एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने बताया कि हाई अलर्ट पर रखे गए शहरों की आतंकवाद निरोधक इकाइयों को सतर्क रहने के मौखिक निर्देश दिए गए हैं। उन्हें किसी भी तरह का रिटेन अलर्ट नहीं दिया गया है।

सीमावर्ती प्रांत पंजाब के पांच जिले गुरदासपुर, तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर और फाजिल्का पाकिस्तान की सीमा से लगे हुए हैं। भारत का यह राज्य पाकिस्तान से तकरीबन 553 किमी लंबी सीमा साझा करता है। ऐसे में यहां डीसी और एसएसपी को नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर ‘आकस्मिक योजना’ तैयार रखने का निर्देश दिया गया है।

राजस्थान और गुजरात में भी अलर्ट
हालांकि, अभी सीमवर्ती इलाकों से नागरिकों की निकासी की कोई योजना नहीं है। पंजाब के अलावा राजस्थान भी पाकिस्तान की सीमा से लगा प्रदेश है। इस प्रांत की तकरीबन 1048 किमी लंबी सीमारेखा पाकिस्तान से लगती है।

ऐसे में यहां अप्रैल तक के लिए शाम 6 से 7 बजे के बीच में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 5 किमी के दायरे में नागरिकों के मूवमेंट पर रोक लगा दी गई है। गुजरात में भी प्रशासन हर तरह की विपरीत परिस्थिति से निपटने की तैयारी में जुट गया है। इस मद्देनजर राज्य के सीएम विजय रुपाणी ने आतंकवाद निरोधक दस्ते, खुफिया ब्यूरो और सीमावर्ती इलाकों के आईजी और शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की है।

उन्होंने गुजरात पुलिस को सेना, बीएसएफ, तटरक्षकों और संबंधित एजेंसियों के साथ सामंजस्य बिठाकर काम करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सीएम ने तटरक्षकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि भारतीय मछुआरों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के करीब रखा जाए ताकि उनकी सुरक्षित और अविवादित वापसी कराई जा सके।

जम्मू कश्मीर पर खास ध्यान
खुफिया एजेंसी के सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सेना से सीधा कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि स्लीपर सेल्स और कश्मीर में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के कैडर से फिलहाल खतरा ज्यादा है। उन्होंने बताया कि हालिया हमले को देखते हुए कश्मीर पर खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है।

ऐसा माना जा रहा है कि जैश पिछले कुछ बार की तरह इस बार भी प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई कर सकता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि ताजा वायुसेना के हमले में मसूद अजहर के कई रिश्तेदार मारे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा पर चौकसी बढ़ा दी गई है और बीएसफ को अगले तीन दिनों तक के लिए खास सतर्कता बरतने को कहा गया है।