इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सब्सिडी को लेकर सरकार ने किया बड़ा फैसला, जानिए क्या पड़ेगा असर

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नई दिल्ली। Electric Vehicle Subsidy: सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चालू की गई सब्सिडी स्कीम फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड वीकल्स (FAME) की अवधि बढ़ाने पर विचार कर रही है।

भारी उद्योग मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी हनीफ कुरैशी ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में बताया कि इस बारे इंडस्ट्री के लोगों से बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोगों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर और हाई क्वॉलिटी का एक अच्छा उत्पाद मिले, जिसके लिए हम काम कर रहे हैं।

एफएएमई इंडिया स्कीम
गौरतलब है कि FAME इंडिया स्कीम 1 अप्रैल, 2019 को तीन साल की अवधि के लिए शुरू हुई थी। बाद में इसे 31 मार्च, 2024 तक दो साल की अवधि के लिए और बढ़ा दिया गया था। हालांकि, 1 जून से 1 जून से अधिकतम सब्सिडी इलेक्ट्रिक स्कूटर के एक्स-मार्केट मूल्य के मौजूदा 40% से घटकर 15% कर दी गई। यानी इलेक्ट्रिक दोपहिया के लिए सब्सिडी 15,000 रुपये के बजाय EV की बैटरी क्षमता के प्रति किलोवाट घंटा 10,000 रुपये हो गई। इसका असर अब इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री पर साफ नजर आ रहा है।

FAME-II प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए मैन्युफैक्चरर के लिए एक स्कूटर की अधिकतम एक्स-फैक्टरी कीमत ₹1.50 लाख होनी चाहिए। यह योजना विशेष रूप से इलेक्ट्रिक थ्री-वीलर, इलेक्ट्रिक फोर-वीलर और इलेक्ट्रिक बसों के सेगमेंट में पब्लिक और कमर्शल ट्रांसपोर्टेशन के लिए है।

चार्जिंग स्टेशनों पर ब्रेक
गाड़ियां ग्रीनहाउस गैसों के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक हैं। इसलिए स्वच्छ ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के लिए भारत तेजी से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपना रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी इसकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा है। दिल्ली और कुछ दूसरे शहरों ने जरूर तेजी से चार्जिंग स्टेशन जोड़े हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में इनका कोई पता नहीं है।