इनकम टैक्स रिटर्न में मकान किराए की फर्जी रसीद लगाना पड़ेगा महंगा

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नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त टैक्स बचाने के लिए लोग घर किराए की फर्जी रसीद लगा देते हैं। लेकिन अब इससे परहेज करना होगा, क्योंकि ऐसा करने पर आपको इनकम टैक्स का नोटिस मिल सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसी गतिविधियों पर इस असेसमेंट ईयर (मूल्यांकन वर्ष) से लगाम लगाने जा रहा है।

इनकम टैक्स के नए आईटीआर फार्म और संशोधित फार्म 16 को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिसमें गलत डॉक्यूमेंट लगाने वालों की कंप्यूटर आधारित प्रक्रिया से पहचान की जाएगी। अगर किसी भी डाटा का मिलान सही नहीं पाया गया, तो आपको इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिल सकता है।

डाटा की इलेक्ट्रानिक मैचिंग
नया फार्म 16 से इनकम टैक्स विभाग इलेक्ट्रानिक मैचिंग के जरिए फॉर्म में दर्ज किए गए डाटा का मिलान करेगा। फार्म में भरे गए डाटा का कई सोर्स से मिलान किया जाएगा। साथ नए आईटीआर फॉर्म में एक ड्राप डाउन कॉलम दिया गया है, जिसमें टैक्सपेयर अतिरिक्त भत्तों की डिटेल दर्ज कर सकेंगे।

इससे अन्य भत्ते जैसे एचआरए, एलटीए, पेंशन लीव सैलरी अलग रहेंगे। अक्सर देखा जाता है टैक्सपेयर का घर होने के बाद भी एचआरए की डिटेल दर्ज की जाती है। दरअसल एक लाख के सालाना किराए पर मकान मालिक की पैन डिटेल नहीं देनी होती है। टैक्सपेयर इसी का फायदा उठाते हैं।