नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नया बैंक खाता खुलवाने और सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड के आईडी प्रूफ के तौर पर स्वैच्छिक प्रयोग संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब देश का कोई भी अपनी इच्छा से बैंक खाता खुलवाने या सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड को आईडी प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।
बैंक खाता खुलवाने या सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड को आईडी प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल को लेकर सरकार की ओर से लाए गए बिल के राज्यसभा से पास नहीं होने पर सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है।
गलत इस्तेमाल पर 1 करोड़ तक का जुर्माना
नए अध्यादेश की मंजूरी के साथ ही सरकार की ओर से आधार के गलत इस्तेमाल संबंधी नए नियम भी लागू हो गए हैं। आधार एक्ट के नियमों का पालन नहीं करने पर कंपनी या संस्था पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह राशि अदा नहीं करने पर रोजाना दस लाख रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।
नए आधार और अन्य कानून संशोधन अध्यादेश के लागू होने का बाद सेवा प्रदाता कंपनियां स्वैच्छिक तौर पर आधार को आईडी के तौर पर देने वाले लोगों की बुनियादी बायोमेट्रिक जानकारी और आधार संख्या का भंडारण नहीं कर पाएंगी। इसके अलावा आधार नंबर नहीं देने वाले व्यक्ति को भी बैंक खाता या सिम कार्ड जैसी सेवा से वंचित नहीं किया जा सकेगा।
यह नियम भी हुए लागू
- नए अध्यादेश के लागू होने के बाद आधार धारक की सहमति से आधार संख्या का ऑफलाइन या अन्य तरीके से भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन किया जा सकता है।
- नाबालिग आधार धारक 18 साल की आयु पूरी करने पर अपनी आधार संख्या को रद्द करा सकता है।
- यह नया अध्यादेश आधार एक्ट की धारा-57 पर प्रभावी नहीं होगा। धारा-57 प्राइवेट कंपनियों की आधार डाटा के इस्तेमाल की इजाजत देती है।
- पहचान सत्यापन के लिए दिए गए आधार डाटा के इस्तेमाल पर तीन साल की जेल और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।
- यदि कोई कंपनी ऐसे मामले में दोषी पाई जाएगी तो उस पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।