अब चोरी रोकने के लिए वाहनों पर लगाए जाएंगे माइक्रोडॉट्स

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नई दिल्ली। वाहनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उसपर लगाए जाने वाले माइक्रोडॉट्स आइडेंटिफायर को लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि माइक्रोडॉट्स आइडेंटिफायर के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके लिए नियमों का एक मसौदा जुलाई में जारी किया गया था।

मसौदे पर आई सलाह और आपत्तियों पर गौर करने के बाद सरकार ने अधिसूचना जारी की है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 में संशोधन के जरिये वाहन, उसके पार्ट्स, कंपोनेंट, असेंबलीज और सब-असेंबलीज पर माइक्रोडॉट्स आइडेंटिफायर लगाने के संदर्भ में वाहन उद्योग के मानक को अधिसूचित कर दिया गया है।

मंत्रालय के बयान के मुताबिक माइक्रोडॉट्स से वाहनों की सुरक्षा बढ़ेगी। मंत्रालय ने कहा कि अधिसूचना के मुताबिक वाहनों, उनके पुर्जों, कंपोनेंट्स, असेंबलीज और सब-असेंबलीज पर माइक्रोडॉट्स लगाने वाली कंपनियों को ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स (एआईएस)-155 का पालन करना होगा।

क्या है माइक्रोडॉट्स
माइक्रोडॉट्स पॉलीमर पार्टिकल होते हैं। यह एक मिलीमीटर या आधे मिलीमीटर व्यास का होता है। इन्हें वाहनों पर उकेरा जाता है। इन सूक्ष्म डॉट्स में वाहनों के बारे में महत्वपूर्ण सूचना होती हैं। इनके सहारे चोरी के वाहनों की पहचान की जा सकती है। माइक्रोडॉट्स को बिना वैज्ञानिक उपकरणों के सिर्फ आंखों से देखा नहीं जा सकता है।

साथ ही इन्हें हटाया भी नहीं जा सकता है। जहां से भी इसे हटाया जाएगा, वहां वाहन या उपकरण क्षतिग्रस्त हो जाएंगे। माइक्रोडॉट्स नई बात नहीं है। लेकिन भारत में कंपनियां इसका उपयोग नहीं करती हैं। इसका कारण यह है कि इसके बारे में अब तक सरकार की ओर से कोई मानक जारी नहीं किया गया था।