अब इंटरनेट बैंकिंग होगी आसान, जल्द लॉन्च इंटरऑपरेबल सिस्टम होगी : रिजर्व बैंक

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नई दिल्ली। Interoperable System: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि बैंकिंग सर्विस को आसान बनाने के लिए 2024 में इंटरऑपरेबल सिस्टम (Interoperable System) लॉन्च किया जाएगा।

यह सिस्टम इंटरनेट बैंकिंग के लिए शुरू किया गया। वर्तमान में इंटरनेट बैंकिंग लेनदेन को पेमेंट एग्रीगेटर्स (Payment Aggregators) के माध्यम से किया जाता है।

शक्तिकांत दास ने डिजिटल पेमेंट जागरूकता वाले सप्ताह में इंटरऑपरेबल सिस्टम 2024 लॉन्च की घोषणा की है। दास ने संबोधन में कहा कि एक बैंक को अलग-अलग ऑनलाइन व्यापारियों के प्रत्येक पीए के साथ अलग से एकीकरण करने की जरूरत होती है। कई बार बैंक कस्टमर को एक स्पेशल पीए की जरूरत होती है। अगर पीए सही से काम नहीं करता है तो फिर मर्चेंट को पेमेंट करने में परेशानी होती है।

सभी बैंक के लिए प्रत्येक पीए के साथ एकीकृत करना मुश्किल है। ऐसे में डिजिटल पेमेंट को सफल बनाने के लिए लेनदेन के नियमों को सेट करना चाहिए। यह मर्चेंट के पेमेंट के लेनदेन में आसानी लाता है।

गवर्नर ने कहा कि हम चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान इंटरनेट बैंकिंग के लिए इस इंटरऑपरेबल भुगतान प्रणाली के लॉन्च की उम्मीद करते हैं। नई प्रणाली व्यापारियों के लिए पेमेंट के निपटान की सुविधा देता है। एक अधिकारी ने बताया कि नई प्रणाली हितधारकों के लिए अधिक कुशल, सुविधाजनक और संभावित रूप से कम खर्चीली होगी।

दास ने कहा कि इंटरनेट बैंकिंग ऑनलाइन मर्चेंट भुगतान लेनदेन के सबसे पुराने तरीकों में से एक है और उन्होंने कहा कि इंटरऑपरेबिलिटी की ऐसी सुविधा 2025 के लिए आरबीआई के भुगतान दृष्टिकोण का हिस्सा थी।

दास के अनुसार यह एक “पसंदीदा चैनल” है। इसके माध्यम से आयकर, बीमा प्रीमियम, म्यूचुअल फंड भुगतान, ई-कॉमर्स आदि जैसे पेमेंट किए जाते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि 2016 में लॉन्च किए गए यूपीआई की भारी सफलता के बाद भी, कुल लेनदेन में इंटरनेट बैंकिंग का हिस्सा 10 प्रतिशत से अधिक है।

यूपीआई की हिस्सेदारी 80 फीसदी
यूपीआई (UPI) ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाया है। डिजिटल पेमेंट में यूपीआई की हिस्सेदारी 2023 में 80 फीसदी के करीब पहुंच गई। वर्ष 2017 में यूपीआई के जरिये 43 करोड़ से ज्यादा भुगतान हुआ था। वहीं, वर्ष 2023 में यह आंकड़े 11,761 करोड़ के पार पहुंच गए। लगभग एक दिन में यूपीआई के जरिये 42 करोड़ पेमेंट होती है।डिजिटल पेमेंट में भरोसा पारदर्शिता है। इसका उपयोग करना आसान है और यह सिक्योर पेमेंट मोड भी है।