प्रधानमंत्री आवास योजना की धीमी चाल से PM मोदी नाराज

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कई राज्यों द्वारा भेजी गई लिस्ट में लाभार्थी वेरिफाइड नहीं थे। अभी तक यह जानकारी नहीं है कि राज्यों ने इस योजना के तहत 2015 से अभी तक कितने घर बनाए गए हैं।

नई दिल्ली। अगले पांच सालों में यानी 2022 तक सबको घर दिलाने के प्रॉजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की धीमी चाल से नाराज पीएम मोदी ने प्रॉजेक्ट पूरा करने के लिए राज्यों से प्राथमिकताएं निर्धारित कर रोडमैप पीएमओ को भेजने को कहा है।

केंद्र सरकार शहरी स्थानीय इकाइयों और अन्य एजेंसियों को राज्यों के जरिए प्रॉजेक्ट पूरा करने के लिए फंड मुहैया करा रही है। इस योजना के तहत 2022 तक शहरी गरीबों के लिए 4,025 शहरों में 2 करोड़ अफोर्डेबल घर बनाने हैं।

पीएम मोदी ने 12 जुलाई को विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य के मुख्य सचिवों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि 2015-16 और 2016-17 में स्वीकृत हुए घरों को 2017-18 के अंत तक पूरा कर लिया जाए। राज्यों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के आधार पर 2015 से मार्च 2017 तक 2000 शहरों में केवल 17 लाख घरों की स्वीकृति मिली थी। कुल 95,660 करोड़ रुपये के निवेश में केंद्र द्वारा 27,879 करोड़ रुपये मिलने थे।

केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति केवल उन्हीं राज्यों की लिस्ट को मिली थी जिन्होंने लाभार्थियों की वेरिफाइड लिस्ट भेजी थी। कई राज्यों द्वारा भेजी गई लिस्ट में लाभार्थी वेरिफाइड नहीं थे। अभी तक यह जानकारी नहीं है कि राज्यों ने इस योजना के तहत 2015 से अभी तक कितने घर बनाए गए हैं।

पीएम मोदी ने अब राज्यों से स्कीम के ऐक्शन प्लान का साप्ताहिक रिव्यू करने को कहा है। साथ ही सभी राज्यों को 2022 तक टारगेट पूरा करने के रोडमैप को भी पीएमओ के पास भेजने को कहा है। कैबिनेट सचिव इन रोडमैप को मॉनिटर करेंगे।

शहरी विकास मंत्रालय ने हाउजिंग टेक एक्सपर्ट्स के साथ स्कीम का ज्यादा अच्छे से क्रियान्वयन करने के लिए वर्कशॉप आयोजित करने को भी कहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में निजी भागीदारी संतोषजनक नहीं रही है। योजना के कुछ हिस्से पूरी तरह से निजी निवेश पर निर्भर हैं जैसे स्लम का रीडिवेलपमेंट। सरकार के लिए यह चिंता का बड़ा कारण बना हुआ है।