जीएसटी का विरोध, राजस्थान में दो लाख से ज्यादा कपडे की दुकानें बंद रहीं

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जयपुर। जीएसटीके दायरे में कपड़े को लाने के विरोध में मंगलवार से प्रदेश भर के साड़ी आैर कपड़ा कारोबारियों ने चार दिवसीय बंद की शुरुआत कर दी। पहले ही दिन सभी जिलाें में दो लाख से अधिक कपड़ा प्रतिष्ठान बंद रहे और व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किए।पहले ही दिन 500 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है।

राजस्थान कपड़ा व्यापार महासंघ के बैनर तले कपड़े पर जीएसटी लागू करने के विरोध में मंगलवार से प्रदेश में तीन दिन तक कपड़ा व्यापारी कारोबार बंद रखने का ऐलान किया था। जिसका हाड़ौती में खासा असर देखने को मिल रहा है।  कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ जिले के कपड़ा व्यापारी हड़ताल पर चले गए ।

चारों जिलों में कपड़े की सभी दुकानें बंद रहीं और व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के जिले झालावाड़ से लेकर कोटा, बारां और बूंदी तक में कपड़े की किसी भी दुकान का ताला नहीं खुला। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गिर्राज न्याती ने बताया कि देश में आजादी के बाद पहली बार कपड़े पर कर लगाया जा रहा है। जिसका विरोध  देशभर का कारोबारी कर रहा है।

कपडा व्यापारियों की दुकानें बंद, बाजार बना खेल मैदान

 राजस्थान कपड़ा एवं साड़ी व्यवसाय संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश तनेजा के अनुसार देशभर में कपड़ा व्यापार संघर्ष समिति की ओर से आयोजित तीन दिवसीय बंद के समर्थन में प्रदेश के कारोबारियों ने भी पूरा सहयोग दिया। 30 जून को अखिल भारतीय बंद के कारण कपड़ा हड़ताल चार दिन चलेगी। 

जगह-जगह हुए प्रदर्शन
दुकानें खोलने के बजाय कपड़ा व्यापारियों ने शहर और कस्बों में प्रमुख स्थानों पर इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और रैली निकाली। जिला मुख्यालय पर जिला कलक्टर, तहसील मुख्यालय पर एसडीएम और तहसीलदार को जीएसटी के विरोध में ज्ञापन सौंपे गए।