वित्त वर्ष 2016-17 की जीडीपी वृद्धि दर संशोधित कर 7.6 किये जाने की संभावना

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 नयी दिल्ली। देश की आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 और 2016-17 के लिए नयी आईआईपी और जीडीपी श्रृंखला के कारण संशोधित कर क्रमश: 8.3 फीसद और 7.6 फीसद किये जाने की संभावना है।

एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार जीडीपी आंकड़े 31 मई को जारी किये जाने है और उम्मीद है कि यह बेहतर होंगे। नयी आईआईपी और डब्ल्यूपीआई श्रृंखला का 2013-14 से सभी जीडीपी आंकड़े पर असर होगा।

इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हम आशा करते हैं कि नयी आईआईपी और जीडीपी श्रृंखला के कारण 2013-14 की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसद से संशोधित कर 7.3 फीसद जबकि 2015-16 की जीडीपी वृद्धि दर 7.9 फीसद से संशोधित कर 8.3 फीसद की जाएगी।

वित्त वर्ष 2016-17 की जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी से संशोधित कर 7.6 फीसद किये जाने की संभावना है।’’ रिपोर्ट के अनुसार 19 मई, 2017 तक नये नोट डालने का काम 80 फीसदी पूरा हो चुका है।

इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा यह भी अनुमान है कि आठ नवंबर, 2016 और 12 मई, 2017 के बीच जो अतिरिक्त सात लाख करोड़ रपये व्यवस्था में आए उनका 65 फीसदी हिस्सा अब भी इधर-उधर घूम रहा है।

’’ एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग के मुख वित्तीय सलाहाकार सौम्या कांति घोष की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रचुर तरलता और निम्न मुद्रास्फीति के साथ अच्छा जीडीपी आंकडा आने वाला है लेकिन इससे आरबीआई मौद्रिक प्रबंधन का काम मुश्किल हो जाएगा।