आईएल जैसे पीएसओ के क्लोजर की स्थिति में इनकम टैक्स में छूट होना चाहिए

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 आईएल कर्मचारियों को वीआरएस के बाद निवेश पर आयोजित सेमिनार में बोले निवेश गुरू पंकज लड्ढा

कोटा। क्या पीएसओ क्लोजर की परिस्थितियों में आई एल के कर्मचारियों को इनकम टैक्स लगेगा। सभी कर्मचारियों की जिज्ञासा पर यह प्रश्न यूनियन के अध्यक्ष रामू द्वारा पूछा गया। जिसके जवाब में सीए अनंत लड्ढा ने मद्रास हाई कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देता हुए कहा कि वर्ष 1987 से  हिंदुस्तान फोटो फिल्म इंडस्ट्रीज काम नहीं कर रही है।  कर्मचारियों को वीआरएस पैकेज जो 72 माह की सेलेरी के बराबर देने की इच्छा रखती है। इस पर इनकम टैक्स नहीं लगना चाहिए। इस पर  इनकम टैक्स की धारा 10 (10 डी) के तहत छूट मिलनी चाहिए।
यह एकमुश्त कन्शेसन इनकम टैक्स की परिभाषा में आता है । वे  तलवण्डी स्थित एक होटल में आयोजित एक सेमिनार में आईएल कर्मचारियों को वीआरएस के बाद निवेश के बारे में जानकारी दे रहे थे।

हमें क्या करना चाहिए

इसी अवसर पर नीलेश भार्गव ने पूछा हम कर्मचारियों को सरकार उक्त निर्णय के बाद भी टीडीएस काट कर रिटायरमेंट राशि दे रही है।  हमें क्या करना चाहिए  निवेश गुरु पंकज लड्ढा ने कहा कि कर्मचारियों को यूनियन के माध्यम से किसी सीनियर सीए या कर सलाहकार के माध्यम से लिखित में ओपिनियन लेकर मैनेजमेंट से बात करनी चाहिए। 

रिटायरमेंट की प्लानिंग करना समझदारी भरा कदम

  निवेश गुरू पंकज लड्ढा ने बताया कि हम पूरी जिंदगी डटकर काम करते हैं जिससे हम अपने परविार के साथ सुकून भरी लाइफ जी सकें। लेकिन हम तब तक ही कमा सकते हैं कि जब तक हमारा शरीर साथ देता है। अपने सिक्योर्ड फ्यूचर के लिए समय रहते रिटायरमेंट की प्लानिंग करना बेहद समझदारी भरा कदम है। अक्सर लोग रिटायरमेंट किसी भी सरकारी या निजी कंपनी की स्कीम में अंधाधुंध निवेश कर डालते हैं। लेकिन इसके लिए प्रोपर प्लानिंग के साथ समझदारी पूर्ण निवेश करना बहुत जरूरी है। 

30-40 प्रतिशत राशि को बच्चों की शिक्षा पर

उन्होंने विस्तार से समझाते हुए कहा कि 30-40 प्रतिशत राशि को बच्चों की शिक्षा पर निवेश करना ठीक रहता है। वहीं शेष राशि का 5 प्रतिशम सोने में 20-30 प्रतिशत एफडी, पोस्ट आॅफिस अथवा म्युचुअल फंड में 20-30 प्रतिशत बेलेंस्ड फण्ड में और शेष राशि इक्विटी म्युचुअल फण्ड में निवेश करना चाहिए। इस प्रकार से संतुलित विनेश करके लगभग 12 प्रतिशत रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। जो अगले 20 वर्षाें तक काम आएगा।

उन्होंने कहा कि निवेश करते समय व्यक्ति केवल दिमाग नहीं बल्कि दिल से भी काम लेता है। इस कारण से उसे पोस्ट आॅफिस और एफडी सुरक्षित जान पड़ते है। लेकिन रिटायरमेंट की राशि का निवेश सलाहकार की मदद से करना चाहिए। सीए अनन्त लड्ढा ने कहा कि रिटायरमेंट पर मिलने वाली एकमुश्त राशि पर इनकम टैक्स और टीडीएस नहीं लेना चाहिए। मुम्बई से आए मनीष ने मोतीलाल ओसवाल रामदेव अग्रवाल के जीरो से एक हजार करोड के सफर का विस्तृत विवरण पेश किया। 

 निवेश से भागें  नहीं, बल्कि निवेश में भाग लें 

एमए अंसारी ने कहा कि यह समय निवेश से भागने का नहीं है, बल्कि निवेश में भाग लेने का है। सीएल जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर एमसी माहेश्वरी, एसके गुप्ता, चन्दालाल वर्मा, महेश लखोटिया, नीलेश भार्गव, ओपी शर्मा, सीएन जैन, रमेश शर्मा, विनोद जाला, शरद गुप्ता, संजय शर्मा, आरएल कौशल, डीके मलिक, सरिता सोगवानी, प्रतिमा, कमला, भावना समेत कईं लोग उपस्थित थे।