Kota Dussehra: कहानियों एवं कविताओं के माध्यम से बताए सफलता के सूत्र

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मनमोहक आध्यात्मिक उत्सव में गूंजा हरिनाम संकीर्तन, श्रद्धालुओं ने लगाए जयकारे

कोटा। Kota Dussehra 2023 : कोटा दशहरा मेला 2023 के अंतर्गत रविवार को विजयश्री रंगमंच पर मनमोहक आध्यात्मिक उत्सव हुआ। अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के भक्तों ने एक उत्साहपूर्ण हरिनाम संकीर्तन से मंच को गुंजायमान कर दिया।

इस्कॉन जयपुर के मोटिवेशनल स्पीकर कृष्णपाद दास ने गीता के श्लोकों, किस्से, कहानियों और कविताओं के माध्यम से सफलता के सूत्र बताए। मेला अधिकारी और आयुक्त अनुराग भार्गव तथा अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास, गौतमलाल ने कृष्ण भक्तों का सम्मान कर कार्यक्रम शुरू किया।

इसके बाद हरे कृष्ण महामंत्र के भावपूर्ण संकीर्तन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। पारंपरिक परिधान पहने भक्तों ने मृदंगम करताल की लयवद्ध धुनों के साथ संकीर्तन किया। संकीर्तन, सामूहिक गायन और नृत्य की शक्ति के माध्यम से भगवान के पवित्र नाम, आनंद और आध्यात्मिकता को फैलाने की सदियों पुरानी परंपरा को प्रकट करता हुआ प्रतीत हुआ।

इस दौरान “जय जय राधा रमण हरि बोल” के साथ “हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे, हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे” के मंत्र हवा में गूंजते रहे। जिसकी प्रतिध्वनित से मेले में सद्भाव और आध्यात्मिक आनंद की भावना भर गई। मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु जयकारे लगाते रहे।

कार्यक्रम में कृष्णपाद दास ने कवितापाठ करते जीवन के सूत्र बताए। उन्होंने “जख्म सब भर जाएंगे, जपो तो सही.. कृष्ण नाम कंठ पर धर लिया, आनंद ही आनंद जीवन में आएगा… फूल माला, जपमाला और यहां कंठी माला, सबसे सर्वश्रेष्ठ नंद के लाला.. ” के द्वारा कृष्ण नाम की महिमा का बखान किया। उन्होंने “सेल्फी का क्रेज बढ़ गया है, सेल्फी लेना हो गई महामारी..” के द्वारा व्यंग्य बाण भी चलाए। स्वीप गतिविधि के तहत “जय हो संविधान की, जय हो मतदान की..” गीत पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत दी गई।

छात्रों को दिए सफलता के सूत्र
कृष्णपाद दास प्रभु ने गीता के श्लोक के माध्यम से छात्रों को जीवन में सफलता के सूत्र दिए। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्‍ण कहते हैं कि यदि आप लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रहते हैं, तो अपनी रणनीति बदलें, लक्ष्य नहीं। …इस जीवन में न कुछ खोता है, न व्यर्थ होता है। खुशी मन की एक अवस्था है, जो बाहरी दुनिया से नहीं मिल सकती। खुश रहने की एक ही कुंजी है इच्छाओं में कमी।

विश्‍वास की शक्ति को पहचानें
उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वो विश्वास करता है, वैसा वो बन जाता है। …व्यक्ति जो चाहे बन सकता है। यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे। …हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है। विश्‍वास की शक्ति को पहचानें। उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, न कभी था न कभी होगा। जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता। …प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं।