IGST: फर्जी रिफंड क्लेम्स के मामले में सरकार अलर्ट

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नई दिल्ली। फर्जी रिफंड क्लेम्स के मामले सामने आने के बाद सरकार अलर्ट है। इसके मद्देनजर सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने मंगलवार को कस्टम और जीएसटी (GST) अधिकारियों को निर्देश दिए कि बारीकी से सत्यापन के बाद ही आईजीएसटी (IGST) रिफंड क्लेम्स को मंजूरी दी जाए।

सीबीआईसी (CBIC) ने महानिदेशक (सिस्टम्स) से ‘रिस्की एक्सपोर्टर्स’ की पहचान करने और इससे जुड़ी जानकारी कस्टम और जीएसटी अधिकारियों से साझा करने के लिए भी कहा है, जिससे एक्सपोर्ट कंसाइनमेंट्स की 100 फीसदी जांच के बाद ही अलर्ट जारी किया जा सके।

वर्तमान में सेंट्रल टैक्स अथॉरिटीज में कस्टम, गुड्स और सर्विस टैक्स रिटर्न फाइल होने के साथ ही शिपिंग बिल्स फाइलिंग के आधार पर निर्यातकों को ऑटोमैटिकली इंटिग्रेटेड जीएसटी (IGST) रिफंड जारी हो जाते हैं। किसी तरह के मैनुअल दखल के बिना रिटर्न फाइलिंग के 15 दिनों के भीतर रिफंड जारी कर दिए जाते हैं।

टैक्स एक्सपर्ट्स ने कहा रिफंड क्लेम्स के सत्यापन की पहल से निर्यातकों को रिफंड जारी करने की प्रक्रिया में देरी होगी। सीबीआईसी ने क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजे पत्र में कहा गया कि कुछ निर्यातकों द्वारा फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के इस्तेमाल से आईजीएसटी रिफंड के मामले सामने आए हैं।

सीबीआईसी ने कहा, ‘निर्यातकों ने फर्जी दस्तावेजों पर आटीसी का फायदा लिया है और भारत के बाहर सामान के निर्यात पर मिले आईजीएसटी का कर्ज चुकाने में इस्तेमाल किया है। यह भी देखने में आया है कि कई मामलों में शिपिंग बिल में घोषित एफओबी (फ्रेट ऑन बोर्ड) वैल्यू में खासा अंतर पाया गया।’

जीएसटी अधिकारियों के तय होंगे स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर
सीबीआईसी ने कहा, ‘ऐसे मामलों के कारण संबंधित जीएसटी कार्यालयों के माध्यम से आईजीएसटी पेमेंट के सत्यापन का फैसला लिया गया है।’ इसके साथ ही जीएसटी पॉलिसी विंग आईजीएसटी रिफंड क्लेम्स के सत्यापन के वास्ते जीएसटी अधिकारियों के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) भी तय करेगी।