Google ने हैकर्स को 6.5 मिलियन डॉलर दिए, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी गूगल ने इंटरनेट को सुरक्षित रखने के लिए 2019 में करीब 6.5 मिलियन डॉलर (करीब 46.5 करोड़ रुपये) की रकम हैकर्स को रिवॉर्ड के तौर पर दी। कंपनी के वल्नरेबिलिटी रिवॉर्ड प्रोग्राम्स ‘Vulnerability Reward Programs’ (VRPs) में हैकर्स को गूगल प्रॉडक्ट्स में सिक्यॉरिटी फ्लॉ और बग्स का पता लगाने के बदले रिवॉर्ड दिए जाते हैं।

इन प्रॉडक्ट्स में गूगल क्रोम से लेकर ऐंड्रॉयड तक शामिल हैं और ऐसा करने के पीछे गूगल का मकसद अपने प्रॉडक्ट्स को यूजर्स के लिए सेफ बनाना है। गूगल ने एक ऑफिशल ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘2020 के बाद से ही हमने अपने VRPs को अडिशनल गूगल प्रॉडक्ट एरिया के लिए बढ़ा दिया है, जिसमें क्रोम, ऐंड्रॉयड और प्रॉडक्ट्स के गलत इस्तेमाल को शामिल किया गया है।

हमने गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद पॉप्युलर थर्ड पार्टी ऐप्स को भी इसमें कवर किया है। इसकी मदद से किसी ऐप में मिलने वाली खामियों और कमियों के बारे में ऐप डिवेलपर्स को बताया जाएगा और गड़बड़ियों को फिक्स किया जाएगा। तब से हम 21 मिलियन डॉलर हैकर्स को रिवॉर्ड के तौर पर दे चुके हैं।’

बढ़ाई गई रिवॉर्ड की रकम
गूगल ने कहा कि रिसर्चर्स की ओर से अब तक की सबसे ज्यादा 5 लाख डॉलर (करीब 3.56 करोड़ रुपये) की रकम चैरिटी के लिए दी गई है। रिवॉर्ड्स को लेकर गूगल ने कहा कि रिवॉर्ड का मैक्सिमम बेसलाइन अमाउंट क्रोम के लिए 5,000 डॉलर से बढ़ाकर 15,000 डॉलर कर दिया गया है। वहीं, हाई क्वॉलिटी रिपोर्ट्स के लिए मैक्सिमम रिवॉर्ड अमाउंट 15,000 डॉलर से बढ़ाकर अब 30,000 डॉलर कर दिया गया है। ब्लॉग में गूगल ने लिखा, ‘क्रोम फज्जर प्रोग्राम में फज्जर्स की ओर से मिलने वाले बग्स के लिए अडिशनल बोनस भी डबल करके 1000 डॉलर कर दिया गया है।’

टाइटन-M चिप पर रिवॉर्ड
ऐंड्रॉयड सिक्यॉरिटी रिवॉर्ड्स के लिए गूगल अब फुल चेन रिमोट कोड एक्जक्यूशन और पिक्सल डिवाइसेज पर मिलने वाले टाइटन एम सिक्योर एलिमेंट्स के साथ छेड़छाड़ करने पर 1 मिलियन डॉलर तक का रिवॉर्ड ऑफर कर रहा है। नए पिक्सल डिवाइसेज में दी गई टाइटन-एम चिप दरअसल एक इंटरप्राइज ग्रेड सिक्यॉरिटी चिप है, जिसे गूगल स्मार्टफोन्स के लिए कस्टम बिल्ड किया गया है। इसकी मदद से डिवाइस पर मौजूद सेंसिटिव और ऑपरेटिंग सिस्टम रिलेटेड डेटा का सिक्योर रखा जाता है। टाइटन एम को सभी डिवाइसेज के बिल्ट-इन सिक्यॉरिटी सिस्टम में सबसे ‘मजबूत’ रेटिंग्स दी गई हैं।