Cumin production: जीरा की पैदावार बढ़कर 90 लाख बोरी से ऊपर पहुंचने का अनुमान

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राजकोट। Cumin production: बिजाई क्षेत्र में शानदार बढ़ोत्तरी होने तथा मौसम की हालत काफी हद तक अनुकूल रहने से 2023-24 के वर्तमान सीजन के दौरान जीरा का घरेलू उत्पादन तेजी से बढ़कर 90 लाख बोरी से ऊपर पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है जबकि 2022-23 सीजन में इसका उत्पादन घटकर 50-55 लाख बोरी पर अटक गया था।

पिछले सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर जीरा का कुल बिजाई क्षेत्र 7 लाख हेक्टेयर के आसपास रहा था जो चालू सीजन में उछलकर 12 लाख हेक्टेयर से आगे निकल गया है। जीरे की बिजाई लगभग समाप्त हो चुकी है जबकि अगैती नई फसल की कटाई-तैयारी फरवरी के अंत से शुरू होने की संभावना है। नए माल की जोरदार आवक मार्च-अप्रैल में होने लगेगी।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में रिकॉर्ड बाजार भाव के कारण एक तरफ देश से जीरा के निर्यात में गिरावट आई तो दूसरी ओर चीन से इसका आयात बढ़ गया। अब घरेलू बाजार में शीर्ष स्तर के मुकाबले जीरा का भाव 40/50 प्रतिशत तक घट चुका है लेकिन फिर भी गत वर्ष से ऊंचा चल रहा है।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार नए माल की जोरदार आवक के समय जीरा का दाम कुछ और घट सकता है। लेकिन यदि खाड़ी क्षेत्र के देशों में रमजान की मांग मजबूत रही तो इसके निर्यात में सुधार आएगा और कीमतों में नरमी की संभावना कम रहेगी। ज्ञात हो कि सीरिया, तुर्की, ईरान एवं चीन जैसे देशों में तब तक जीरा का निर्यात योग्य स्टॉक लगभग समाप्त हो जाएगा।

इसके अलावा एक संभावना यह भी बन रही है कि चूंकि इस वर्ष किसानों को जीरा का अत्यन्त ऊंचा एवं लाभप्रद मूल्य हासिल हो चुका है इसलिए अगले साल के नीचे दाम पर अपना माल बेचने में जल्दबाजी नहीं दिखाएंगे और इसके बजाए कीमतों में तेजी आने का इंतजार करना पसंद करेंगे। इससे थोक मंडियों में जीरे की सीमित आवक हो सकती है और कीमतों में नरमी का माहौल नहीं बन पाएगा।

गुजरात और राजस्थान देश के दो शीर्ष जीरा उत्पादक प्रान्त हैं जहां संयुक्त रूप से करीब 99 प्रतिशत का उत्पादन होता है। 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में बेहतर उत्पादन तथा अपेक्षाकृत नीचे भाव के कारण जीरा के निर्यात में बढ़ोत्तरी होगी और इससे बाजार को कुछ मजबूती मिल सकती है। आगामी महीनों का मौसम जीरा की फसल के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा और उसके आधार पर ही इसका उत्पादन निर्भर करेगा।