Basmati Rice Export: बासमती चावल का निर्यात बढ़ा, गैर बासमती चावल का घटा

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नई दिल्ली। Basmati Rice Export: वर्ष 2023-24 में बासमती चावल के निर्यात में इजाफा हुआ है। जबकि गैर बासमती चावल के निर्यात में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसकी वजह चावल के दाम नियंत्रित करने घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए कुछ गैर बासमती चावल के निर्यात पर लगाई गई पाबंदी है। गैर बासमती चावल के उलट विदेशों में भारतीय बासमती चावल की मांग बढ़ रही है। जिससे इस चावल के निर्यात में इजाफा हुआ है।

कृषि और प्रोसेस्ड खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 की अप्रैल-फरवरी में 100.81 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा करीब 160.96 लाख टन था। इस तरह इस अवधि में गैर बासमती चावल के निर्यात में 37.34 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।

गैर बासमती चावल का निर्यात घटने की वजह सरकार द्वारा पिछले साल जुलाई महीने में गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना है। इस चावल की कुल गैर बासमती चावल में 25 फीसदी हिस्सेदारी है। गैर बासमती चावल का निर्यात बीते 4 वित्त वर्ष में सबसे कम रह सकता है। वर्ष 2023-24 में गैर बासमती चावल का निर्यात 105 से 110 लाख टन रहने की संभावना है, जबकि वर्ष 2022-23 में 177.86 लाख टन, वर्ष 2021-22 में 172.62 लाख टन, वर्ष 2020-21 में 131.49 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ था।

गैर बासमती चावल का निर्यात भले ही घटा हो। लेकिन बासमती चावल के निर्यात में इजाफा हुआ है। APEDA के अनुसार वर्ष 2023-24 की अप्रैल-फरवरी अवधि में 46.76 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ है, जो पिछली समान अवधि में निर्यात हुए 41 लाख टन बासमती चावल से 14 फीसदी अधिक है। इस बीच, प्रमुख कमोडिटी के निर्यात में भी सुस्ती देखी जा रही है। इसकी वजह गैर बासमती चावल और गेहूं के निर्यात पर बंदिश लगना है।

वर्ष 2023-24 के पहले 11 महीने में 2,247 करोड़ डॉलर मूल्य की प्रमुख कमोडिटी का निर्यात हुआ है, जो पिछली समान अवधि के 2,410 करोड़ डॉलर निर्यात की तुलना में 6.79 फीसदी कम है। हालांकि ताजे व प्रोसेस्ड फल व सब्जी के निर्यात में इजाफा हुआ है। ताजे फल व सब्जियों का निर्यात करीब 17 फीसदी बढ़कर 177.70 करोड़ डॉलर और प्रोसेस्ड फल व सब्जियों का निर्यात करीब 9 फीसदी बढ़कर 200 करोड़ डॉलर हो गया।