जीएसटी काउंसिल के सदस्यों ने माना है कि जीएसटीएन में तकनीकी खामी एक गंभीर मसला है
नई दिल्ली । जीएसटी काउंसिल की बैठक में GSTR-1 की डेडलाइन को एक और महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। अब अगली डेडलाइन 10 अक्टूबर होगी। जीएसटी काउंसिल के सदस्यों ने माना है कि जीएसटीएन में तकनीकी खामी एक गंभीर मसला है और इस पर सदस्यों ने विस्तार से चर्चा की है।
जीएसटीएन की देखरेख के लिए 5 सदस्यीय मंत्री समूह का गठन किया गया है। वहीं जीएसटी पोर्टल के काम न करने के कारण लगने वाली इंटरेस्ट पेनल्टी को भी हटा लिया गया है। वहीं काउंसिल की बैठक में लग्जरी कार और एसयूवी कारों पर बढ़ाए गए सेस को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया।
क्या है जीएसटीआर-1: दरअसल जीएसटीआर-1 आउटवर्ड सप्लाई की डिटेल देने के लिए बनाया गया है। यानी जुलाई के महीने में आपने जितनी भी सेल की है या सामान (वस्तुओं) का एक्सपोर्ट किया है उस सब की डिटेल आपको इसमें देनी होगी।
जीएसटीआर-1 में क्या क्या जानकारियां देनी होंगी:
- इंट्रा स्टेट सेल की जानकारी (उसी राज्य या शहर के भीतर की गई बिक्री का ब्यौरा)
- इंटरस्टेट सेल (एक स्टेट से दूसरी स्टेटे में की गई सेल या बिक्री का ब्यौरा)
कुल एक्सपोर्ट का ब्यौरा
- अगर आपने ई-कॉमर्स ऑपरेटर के जरिए कोई सेल की है, उसकी भी जानकारी देनी होगी
- अगर आपने टैक्स स्लैब में निल/ जीरो रेटेड या एग्जेम्पेटेड आइटम की सेल की है तो उसका ब्यौरा भी देना होगा
- यानी आपको इसमें बिल बाई बिल ब्यौरा देना होगा
- GSTR-1 फाइल नहीं करते हैं तो क्या होगा: वहीं अगर आप जीएसटीआर-1 फाइल नहीं करते हैं तो आपको प्रतिदिन के हिसाब से 200 रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है।