एशिया के अमीरों में तीसरे नंबर पर आए अडाणी, निवेशकों को 19% का नुकसान

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मुंबई। बीते हफ्ते शेयर बाजार में सपाट कारोबार हुआ। बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में 0.75% तक की मामूली गिरावट रही, लेकिन इन 5 कारोबारी दिनों में अडाणी ग्रुप के शेयरों ने हलचल मचा दी। इनमें पूरे हफ्ते गिरावट दर्ज की गई, जिनमें कुछ शेयर तो 25% तक गिरे। वहीं, अडाणी ग्रुप की कंपनियों की शेयर वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा गिर गई।

नतीजतन, गौतम अडाणी अब एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन की लिस्ट में तीसरे पायदान पर आ गए। पिछले महीने 21 मई को वो एशिया के दूसरे सबसे अमीर बने थे। उस समय अडाणी और अंबानी के नेटवर्थ का अंतर 75 हजार करोड़ रुपए था। लेकिन 14 से 18 जून के बीच अडाणी ग्रुप के शेयरों में तेज गिरावट की नतीजा ये कि ये फासला बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपए हो गया। अब मार्केट एक्सपर्ट्स अडाणी ग्रुप के शेयरों में निवेश से बचने की सलाह दे रहे हैं।

अडाणी ग्रुप के शेयर औंधे मुंह गिरे?
दरअसल, 14 जून को मार्केट खुलने से पहले खबर आई कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों में तीन ऐसे विदेशी निवेशकों का निवेश है, जिनकी डीटेल डिपॉजिटरीज के पास भी नहीं है। इससे मार्केट में लिस्टेड अडाणी ग्रुप के सभी 6 शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। शेयर कारोबारी दिन में 25% तक गिरे।

ऐसे लगा 3 शेयरों में लोअर सर्किट
हफ्तेभर में अडाणी पावर, अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी टोटल के शेयर सोमवार से शुक्रवार के बीच हर दिन 5% तक टूटे यानी लोअर सर्किट लगा। इसी तरह अडाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में भी 14,17 और 18 जून को लोअर सर्किट लगा और शेयरों में इन 3 दिन 5% की गिरावट रही। यहां लोअर सर्किट से अर्थ है कि एक दिन में गिरावट की अधिकतम सीमा तक शेयर गिर गए।

हफ्तेभर में अडाणी टोटल गैस, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी पावर के शेयरों से निवेशकों को 19% तक का घाटा हुआ। एक्सपर्ट्स की मानें तो इन शेयरों में आगे भी गिरावट जारी रहने की आशंका है। बावजूद इसके कि अडाणी ग्रुप ने मामले पर सफाई दे दी है।

5 साल पुराना है मामला
ग्रुप के CFO ने इसको ‘पूरी तरह गलत रिपोर्ट को आगे बढ़ाने की दुर्भावनापूर्ण कोशिश’ बताया है। उन्होंने यह भी बताया कि रजिस्ट्रार एंड ट्रांसफर एजेंट ने पुष्टि की है कि FPI के अकाउंट्स पर रोक नहीं लगाई गई है। उसके बाद 15 जून को अडाणी ग्रुप ने एक बयान जारी कर कहा कि कुछ डीमैट एकाउंट ‘सस्पेंडेड फॉर डेबिट’ कैटेगरी में हैं। यह कदम 16 जून 2016 को जारी SEBI के एक निर्देश पर उठाया गया था।

विदेशी कंपनियों का अकाउंट फ्रीज
जिन विदेशी कंपनियों को फर्जी माना जा रहा है, वे अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और APMS इन्वेस्टमेंट फंड हैं। नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के मुताबिक अडाणी की कंपनियों में इन कंपनियों का कुल निवेश 43,500 करोड़ है, लेकिन इनके बारे में सेबी के पास जानकारी नहीं है। साथ ही इन पैसों के मालिक का भी पता नहीं है। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इन पर कार्रवाई की गई है। NSDL की वेबसाइट के मुताबिक इन अकाउंट्स को 31 मई को या उससे पहले फ्रीज किया गया था।

शेयरों में गिरावट से कंपनियों की मार्केट वैल्यू घटी
शेयरों में लगातार गिरावट से कंपनियों की मार्केट वैल्यू भी तेजी से घटी है। ग्रुप में शामिल 6 कंपनियों का कुल मार्केट कैप 11 जून को मार्केट बंद होने पर 9 लाख 42 हजार 895 करोड़ रुपए रहा, जो 19 जून को क्लोजिंग के बाद 1 लाख 52 हजार घटकर 7 लाख 90 हजार 278 करोड़ रुपए हो गया। यानी 5 कारोबारी दिनों में अडाणी ग्रुप की मार्केट वैल्यू 1.52 लाख करोड़ रुपए घट गई।

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