डॉ. लोकमणि गुप्ता
कोटा। विश्व लगभग डेढ़ वर्षों से कोविड-19 महामारी से संत्रस्त है। कोविड-19 की द्वितीय लहर में रोगी का श्वसन तंत्र सर्वाधिक प्रभावित हो रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप आक्सीजन सेचुरेशन अलग-अलग स्तर पर आ रहा है। प्रथम दृष्टया यही आक्सीजन सेचुरेशन रोगी के डायग्नोसिस एवं प्रोग्नोसिस को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मैंने कोविड-19 की प्रथम लहर में ही प्रत्येक घर में एक आक्सीटोमीटर एवं आक्सीजन केन रखने की सलाह दी थी जो कि इमरजेंसी में बहुत सहायक रहे। जिस तरह से ये रोग अन्य रोगों के साथ मिलकर भयावह होता जा रहा है उसमें सतर्कता, सजगता एवं बचाव ही एक मात्र उपाय है।
इस महामारी का उपचार :
- प्रथम सप्ताह में समयोचित उपचार घर पर रहते हुए हो सकता है।
- द्वितीय सप्ताह में कुशल चिकित्सक की देख-रेख में आवश्यक संसाधनों के साथ हो सकता है।
आजकल कोविड -19 के मरीजों का ऑक्सीजन लेबल गिरने पर आक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrator) का ट्रेंड चल रहा है। ऑक्सीजन अवशोषित करने की क्षमता अनुसार मुख्य रूप से तीन तरह के कंसंट्रेटर बाजार में उपलब्ध हैं-
- दो से नो लीटर क्षमता प्रति मिनट
- आधा लीटर से पांच लीटर क्षमता प्रति मिनट
- आधा लीटर से दस लीटर क्षमता प्रति मिनट
अब बात करते हैं इनके गुणवत्ता की, जो कि सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने के पहले ये जानना बहुत जरूरी है कि अपनी सम्पूर्ण क्षमता पर भी कन्सन्ट्रेटर 93% से 96% तक शुद्ध ऑक्सीजन प्रवाहित करे। यह सभी कंसंट्रेटर में नहीं होता। कई कन्सन्ट्रेटर्स (Oxygen concentrators) में केपेसिटी बढ़ाने के साथ गुणवत्ता घटती जाती है। इसके श्रेष्ठ परिणाम पाने के लिए कुछ उपयोगी जानकारी इस प्रकार है –
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जिस स्थान पर काम में लेवें वहां खुली हवा का सुचारू प्रवाह हो। कमरे के खिड़की दरवाजे खुले रखें।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एवं एयर कंडीशनर दोनों एक साथ कदापि नहीं चलावें।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की पानी वाली बोतल में निर्धारित बिन्दु तक डिस्टिल्ड वाटर भरा रखें।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के फिल्टर पेड हर दो दिन बाद साफ कर लें।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के प्रत्येक उपभोक्ता (रोगी) आउट लेट ट्यूब एवं नेजल मास्क अपने अलग-अलग रखें।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का उपयोग चिकित्सक से परामर्श पश्चात ही करें। साथ ही पूरी तरह इस पर निर्भर न रहें।