राजस्थान में लॉकडाउन से 20 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित

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जयपुर। राजस्थान में 15 दिन के लॉकडाउन से करीब 20 हजार करोड़ रुपए के कारोबार पर असर पड़ सकता है। प्रदेश में मौजूदा 30 लाख रिटेलर्स में से करीब 20 लाख का कामकाज पूरी तरह ठप होने और सप्लाई चेन बंद होने से यह असर पड़ने की आशंका है। राज्य के व्यापारिक और औद्योगिक संगठन सरकार के लॉकडाउन के फैसले को लेकर बेहद खफा हैं।

उनका कहना है कि यदि सरकार कोरोना चेन को तोड़ना चाहती है तो इसका विकल्प सप्लाई चेन बंद करना नहीं है। इसके लिए नया फार्मूला प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कोरोना की गाइडलाइन को ही सरकार यदि सख्ती से पालन करा ले, तो इससे भी चेन को तोड़ा जा सकता है। कोरोना चेन के लॉकडाउन फॉर्मूले से तो बाजार की कमर जरूर टूट जाएगी। बड़ी मुश्किलों के बाद सामान्य स्थितियों में आते बाजार के साथ यह पूरी तरह उचित नहीं है।

फेडरेेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फाेर्टी) का कहना है कि काेराेना संक्रमण राेकने के लिए राज्य सरकार ने काेराेना गाइडलाइन की सख्ती से पालन नहीं कराया। यदि ऐसा करा लेती तो अनुशासन पखवाड़े के नाम पर लाॅकडाउन नहीं लगाना पड़ता। 15 दिन के लाॅकडाउन से बाजार के कारोबार को करीब 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान तय है।

फाेर्टी के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि जैसे उद्याेग और कृषि उपज मंडियाें काे काेराेना गाइडलाइन के तहत खाेलनेे की अनुमति दी गई है। इसी तरह बाजाराें काे भी खुला रहने दिया जाना चाहिए था। राज्य सरकार व्यापारिक संगठनाें के प्रतिनिधियाें से बात करती और उनकी जिम्मेदारी तय करती, जिसके तहत काेराेना प्राेटाेकाॅल लागू कराया जा सकता था। इससे व्यापारियाें काे प्रत्यक्ष ताैर पर राेजगार का नुकसान नहीं हाेता।

पिछली बार 5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ था
अग्रवाल का कहना है कि पिछले साल लाॅकडाउन की वजह से प्रदेश के कारोबार को करीब 5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा था। कई व्यापारी ताे इस नुकसान से अभी तक उबर भी नहीं सके हैं। दिसंबर के बाद से व्यापार जैसे-तैसे पटरी पर लाैटा था। सरकार ने एक नया लॉकडाउन देकर उसे फिर से पटरी से उतारने की तैयारी कर ली है।

सावों से थी बड़ी उम्मीद
व्यापारियाें का कहना है कि आने वाले तीन माह में लगभग 45 सावे विवाह के होने वाले हैं। इन सावों में हजारों शादियों के कारण व्यापारियों को उम्मीद थी कि पुराना घाटा भले ही पूरा नहीं हो, लेकिन व्यापार एक स्तर पर आ सकता है। लेकिन सरकार के फिर लाॅकडाउन के रास्ते पर लाैटनेे से व्यापारियाें काे बड़ा धक्का लगा है। सरकार ने जल्द ही इस बारे में पुनर्विचार नहीं किया जा ताे कई व्यापारियाें काे बड़ा नुकसान हाेने का अंदेशा है। इससे पहले से जाे व्यापारी वेंटिलेटर पर था, वाे 15 दिन में मरणासन्न पोजीशन में आ जाएगा।