कोटा। राष्ट्रीय जल बिरादरी की चम्बल संसद एवं कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी के सदस्यों ने रविवार को वर्चुअल ऑनलाइन बैठक कर पवित्र जीवन दायिनी यमुना नदी के जन्मोत्सव यमुना छठ पर विचार गोष्ठी आयोजित की। जल बिरादरी के प्रभारी बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि यमुना का जन्म ही मानव जाति के कल्याण के लिये हुआ है, लेकिन अंधाधुंध विकास की भूख ने उसे गंदे नाले में बदल दिया।
संभवतः इस कारण आज प्रकृति मनुष्यों को कैद में रखने को मजबूर हुई है। केईएसएस के अध्यक्ष विजयवर्गीय ने चम्बल को यमुना – गंगा परम्परा की वाहक बताते हुए कहा कि चम्बल के सौंदर्यीकरण से पहले शुद्धिकरण की आवश्यकता है। नदियों की शुद्धता के लिए जल बिरादरी व केईएसएस इसके लिए स्वच्छता पर जागरूकता अभियान चला रही है। सरकार को भी रचनात्मक सुझाव दिए जायेंगे।
विचार गोष्ठी में गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी चम्बल संसद के सभापति जीडी पटेल, गोदावरीधाम के गजेंद्र भार्गव, पूर्व उपायुक्त एमसी शर्मा, गीता दाधीच, केईएसएस के सचिव विनीत महोबिया, संजय पारीक, सुनील वर्मा, विनोद चतुर्वेदी, अर्चना राजावत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि यमुना की शुद्धता के लिए चम्बल का शुद्ध रहना आवश्यक है। महोबिया ने बताया कि 22 अप्रेल को पृथ्वी दिवस मनाया जाएगा, जिसमें जंगलों की बर्बादी व स्वच्छता के अभाव में पृथ्वी के ऊपर मंडरा रहे खतरों पर चर्चा की जाएगी।