नई दिल्ली। देसी चने का उत्पादन कमज़ोर रहने के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में क़ीमतें भी ऊँची रहने से देसी चने की सकल उपलब्धता में बड़ी कमी देखी जा रही है। बाज़ार के जानकारों का मानना है कि नए सीजन को प्रारम्भ हुए 2 माह से भी ज़्यादा का समय बीत रहा है लेकिन अभी तक प्रमुख उत्पादक मंडियों में नई फ़सल की आवक का दबाव नही बन पाया है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए जल्द ही चने की कीमतों में 500 रुपए प्रति क्विंटल की तेज़ी के आसार बन गए हैं।
देसी चने की बिजाई इस बार मध्य प्रदेश-राजस्थान के साथ-साथ महाराष्ट्र व कर्नाटक में भी 15-20 फ़ीसदी तक कमजोर रहने की जानकारी थी। शुरुआती अक्टूबर माह से लेकर 15 जनवरी तक मौसम अनुकूल रहने के बावजूद बाद में अचानक मौसम का मिजाज बिगड़ने के बाद तापमान के अचानक बढ़ने से फरवरी माह के दौरान राजस्थान तथा मध्य प्रदेश की चने की फसल में बड़े नुक़सान की खबरों से नई फ़सल का उतारा 15-20 फ़ीसदी तक कमज़ोर रहने के अनुमान मिल रहे है।
कुछ जगहों पर नुकसान और बढ़ने की खबरें मिल रही है। यही कारण है कि देश में चने का सकल उत्पादन बीते वर्ष के 80 लाख मैट्रिक टन के मुक़ाबले घटकर 68/70 लाख मैट्रिक टन रह जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
गौरतलब रहे है कि महाराष्ट्र के अकोला- जलगांव लाइन में चापा क्वालिटी वाले चने का उत्पादन बीते वर्ष 12 से 13 लाख मैट्रिक टन के मुक़ाबले इस बार घटकर मुश्किल से सात- आठ लाख मैट्रिक टन के आस-पास ही रहने की संभावना बन रही है।
उधर, कर्नाटक में भी नई फ़सल की आपूर्ति व उपलब्धता दोनों ही लगातार कमज़ोर हो रही है। दूसरी ओर, बीते वर्ष कोरोना काल मे सरकार द्वारा खाद्यान्न व दलहन के अधिकाँश स्टाक का माल वितरित कर दिया गया था, जिससे सरकारी गोदाम भी खाली हैं।
दूसरी ओर,राजस्थान के नोहर, भादरा, सवाईमाधोपुर, बीकानेर के साथ-साथ मध्य प्रदेश के ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, सागर, मुंगावली, बीनागंज लाइन में भी देसी चने की आपूर्ति गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 30 से 40 फ़ीसदी तक कमज़ोर बतायी जा जा रही है।
वर्तमान में दिल्ली दाल -दलहन बाज़ार में देसी चने का व्यापार निर्धारित समर्थन मूल्य 5100 रुपए प्रति क्विंटल के मुक़ाबले 5450/5500 रुपये प्रति कुंतल और उत्पादक मंडियों में 5200/5350 रुपए प्रति कुन्तल पर व्यापार सुना जा रहा हैं। ऐसे में सरकार को देसी चना मिलना मुश्किल हो गया है।
इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए लॉरेंस रोड,दिल्ली में 5500 रुपए प्रति कुंतल पर बिकने वाले राजस्थानी चने के आगे के व्यापार में जल्दी ही 400/500 रुपये प्रति कुंतल की तेज़ी की उम्मीद बन गयी है।
जबकि जानकर अनुकूल परिस्थितियों में कीमतों के जल्दी ही 6000 रुपये के स्तर को पार करने की बात कर रहे है जबकि दूरगामी परिणाम 6500-7000 रुपए प्रति क्विंटल तक बन जाने के भी आसार दिखाई देने लगे है।इन परिस्थितियों में जानकार देसी चने की जड़ में मन्दी की आशंका से साफ़ मना कर रहे है और देशी चने का आगे का व्यापार भरपूर लाभदायक लग रहा है।