नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच कोरोना वैक्सीनेशन की स्पीड भी बढ़ाई जा रही है। देश में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा स्टेज शुरू हो चुका है। ऐसे में सभी लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या देशभर में सभी को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे इसे कम उम्र समूह के लोगों के लिए भी खोलना चाहिए। हालांकि, इसके लिए वैक्सीन की उपलब्धता का भी ध्यान रखना होगा।
सभी को वैक्सीन लगाना संभव नहीं है
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि हम एक बहुत बड़े देश हैं और अगर हम कहें कि हम पूरी वयस्क आबादी का टीकाकरण करना चाहते हैं तो इसका मतलब होगा कि करीब एक अरब लोगों के वैक्सीन लगानी पड़ेगी। इसके लिए हमें दो बिलियन डोज की आवश्यकता होगी। यदि हमें सभी को वैक्सीन लगानी है तो ऐसा कोई तरीका नहीं है कि हम दो बिलियन डोज प्राप्त कर सकें।
ट्रेंड देखें फिर करें आगे के लिए फैसला
डॉ. गुलेरिया का कहना है कि मुख्य चुनौती प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाने वाले लोगों और उपलब्ध डोज के बीच बैलेंस बनाने की है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह देखना होगा कि वैक्सीनेशन का ट्रेंड क्या है? यदि एक सप्ताह या 10 दिन बाद वैक्सीन लगाने वाले लोग कम होते हैं तो इसे कम उम्र वाले लोगों के लिए भी खोलना चाहिए। कई जगह अधिक उम्र के लोग भी कोरोना वैक्सीन लगवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
अब तक 7 करोड़ लोगों को लगाई जा चुकी है वैक्सीन
देश में अब तक 7.06 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें 89 लाख हेल्थ वर्कर्स, 95.15 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। 1 अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र वालों को भी कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो चुकी है। 2 अप्रैल को 45 साल से अधिक उम्र वाले 12.40 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गई।