मौद्रिक नीति समिति की बैठक 5 से, नीतिगत दरों में बदलाव की उम्मीद नहीं

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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 5 अप्रैल से शुरू होगी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के फैसलों की जानकारी 7 अप्रैल को दी जाएगी। जानकारों का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण RBI नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है। यानी नीतिगत दरों में बदलाव की संभावना कम है।

इससे पहले MPC की बैठक फरवरी में हुई थी। 5 फरवरी को RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया था। जानकारों के मुताबिक, इस बार भी RBI एकोमोडेटिव मॉनिटरी पॉलिसी स्टांस को बरकरार रख सकता है। जानकारों के मुताबिक, RBI ग्रोथ को बढ़ाने के लिए मॉनिटरी कार्यवाही के लिए अवसर का इंतजार करेगा।

डन एंड ब्रैडस्ट्रीट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के मामलों में ताजा बढ़ोतरी और कई राज्यों में लगाए गए प्रतिबंधों से अनिश्चितता बढ़ेगी। साथ ही इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के रिवाइवल में बाधा पैदा होगी। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के ग्लोबल चीफ इकोनॉमिस्ट अरुण सिंह का कहना है कि लंबी अवधि में यील्ड कठिन हो रहा है। इससे उधार की लागत में बढ़ोतरी होगी।

अरुण के मुताबिक, रिजर्व बैंक को उधार की लागत में वृद्धि को रोकने के लिए मुद्रास्फीति के दबाव को मैनेज करने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। अरुण सिंह का कहना है कि मुद्रास्फीति के दबाव और कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए MPC की अगली बैठक में रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं है।

रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं
एनरॉक प्रॉपर्टी कंसलटेंट के चेयरमैन अरुण पुरी का कहना है कि उपभोक्ता महंगाई में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। यह अभी स्थिर नहीं है। फरवरी 2020 से अब तक रेपो रेट में 115 बेसिस पॉइंट की कमी की जा चुकी है। ऐसे में RBI इस बार मौजूदा रेपो रेट को ही बरकरार रख सकता है। अनुज पुरी का कहना है कि भारत कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। इस कारण कई राज्यों और शहरों में आंशिक लॉकडाउन की स्थिति बन रही है। ऐसी स्थिति में RBI की ओर से रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं है।

ये हैं RBI की मौजूदा दरें
मौजूदा समय में RBI का रेपो रेट 4% है, जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.5% है। पिछले साल मई से RBI ने नीतिगत दरों को समान रखा है। 22 मई को RBI ने पॉलिसी रेट में बदलाव किया था। तब RBI ने रेपो रेट में कटौती करते हुए 4% कर दिया था। यह इसका ऐतिहासिक निचला स्तर है। अभी RBI का मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट 4.25% और बैंक रेट 4.25% पर है। बैंकों को दिए गए लोन पर RBI की ओर से वसूले जाने वाले ब्याज को रेपो रेट कहा जाता है। वहीं, बैंकों की ओर से जमा किए गए रुपयों पर RBI की ओर से दिए जाने वाले ब्याज को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।