कोटा। क्रॉनिक किडनी रोग (CKD) अब मृत्यु का छठा सबसे तेजी से बढ़ता कारण है। वैश्विक स्तर पर किडनी की बीमारी मृत्यु का 11 कारण है। मोटे लोगों में क्रॉनिक किडनी रोग विकसित होने का 83 प्रतिशत अधिक जोखिम होता है। मेडिकल कॉलेज कोटा में नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉक्टर विकास खंडेलिया ने बताया कि अनुमानित उच्च रक्तचाप के 6 रोगियों में से 1 को किडनी रोग,व हर 3 डायबिटीज के रोगी में से 1को किडनी रोग हो जाता है।
महामारी के रूप में बढ़ते हुए मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप, मोटापा, दर्द निवारक दवाओं का गलत इस्तेमाल,किडनी की पथरी, मूत्र मार्ग में रुकावट में रुकावट या संक्रमण, किडनी की सिस्ट एवं अन्य कारणों से किडनी में खराबी हो जाती है। एक अनुमान के मुताबिक हर 5 में से 1 आदमी और 4 में से 1 औरत जिनकी उम्र 65 से 74 वर्ष के बीच क्रॉनिक किडनी रोग (CKD) से पीड़ित है।75 या उससे अधिक उम्र के आधे लोगों में (CKD) है। हाड़ौती सम्भाग में लगभग 2000 लोगो को जीवित रहने के लिए किडनी प्रत्यारोपण या डायलिसिस की आवश्यकता है। लगभग 200 मरीज प्रतिमाह 8 से अधिक बार डायलिसिस करवाने अस्पतालों में आ रहे है।
डॉक्टर खंडेलिया ने बताया कि किडनी की बीमारी से लोग सचेत रहें इसलिए विश्व किडनी दिवस की शुरुआत की गई है। मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। इसबार ‘किडनी रोग के साथ अच्छी तरह से रहना’ थीम रखी गई है। इसका मकसद लोगों को शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग के प्रति सचेत और जागरूक करना है। संतुलित दिनचर्या से गुर्दे (किडनी) की बीमारियों से बचा जा सकता है।
ऐसे बचें बीमारी से
- फिट रहें, सक्रिय रहें
- स्वस्थ आहार खाएं
- अपने ब्लड शुगर की जांच और नियंत्रण करें
- अपने रक्तचाप की जांच और नियंत्रण करें
- उचित तरल पदार्थ का सेवन करें
- धूम्रपान न करें
- नियमित रूप से सूजन/ दर्द निवारक गोलियों का अधिक सेवन न करें
यदि आपको मधुमेह है, उच्च रक्तचाप है या आप मोटे हैं, आपके पास गुर्दे की बीमारी का पारिवारिक इतिहास है तो जांच अवश्य करावें।