सोना 7 महीनों में 11,000 रुपए से अधिक सस्ता हुआ, अभी ज्यादा तेजी के आसार नहीं

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नई दिल्ली। सोना-चांदी के दामों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। इसी का नतीजा है कि सोना 7 महीनों में ही करीब 11,500 रुपए सस्ता हो गया है। अगस्त 2020 में सोना 56,200 रुपए/10 ग्राम पर पहुंच गया था, जो 2 मार्च को 44,760 रुपए पर आ गया है। 2021 सोने के लिए अब तक अच्छा नहीं रहा है। 1 जनवरी से अब तक सोना 5,540 रुपए से ज्यादा टूट चुका है।

1 जनवरी से अब तक सोना 5,540 रुपए से ज्यादा सस्ता हो चुका है। 1 जनवरी को सोना 50,300 रुपए पर था जो अब 44,760 रुपए पर है। यानी सिर्फ 2 महीने में ही सोने की कीमत 11% कम हुई है। वहीं अगर चांदी की बात करें तो वह करीब 1100 रुपए महंगी हुई है। 1 जनवरी को चांदी 66,950 रुपए पर थी जो अब 67,073 पर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,719 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस हो गया। वैश्विक वायदा भाव कॉमेक्स पर सोना 1,733 डॉलर प्रति औंस पर है। अभी सोना 1,750 डॉलर प्रति औंस के स्तर से नीचे आ गया है।

इंपोर्ट ड्यूटी घटने का भी असर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्‍त वर्ष 2021-22 के लिए पेश किए बजट में सोने और चांदी पर आयात शुल्क में भारी कटौती की घोषणा की है। सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5% की कटौती की है। इस समय फिलहाल सोने और चांदी पर 12.5% आयात शुल्क देना होता है। 5% की कटौती के बाद सिर्फ 7.5% इंपोर्ट ड्यूटी देनी होगी। इससे सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।

सोने में बहुत ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं
अर्थशास्त्री डॉ. गणेश कावड़िया (स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स,देवी अहिल्या विवि इंदौर के पूर्व विभागाध्यक्ष) के अनुसार निवेशक हमेशा ज्यादा और सुरक्षित मुनाफा चाहते हैं और यह मुनाफ़ा उन्हें स्टॉक मार्केट, FD, बॉन्ड या सोने में पैसा लगाने से मिलता है। हालात जब सामान्य होते हैं तो यह मुनाफा स्टॉक मार्केट, बॉन्ड आदि से मिलता है, लेकिन जब दुनिया की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता की स्थिति बन जाती है तो निवेशक सोने में निवेश बढ़ा देते हैं। उनको लगता है कि सोने से उन्हें सुरक्षा मिलेगी और उसकी क़ीमत नहीं घटेगी। इसकी वजह से कोरोनाकाल में निवेशकों में सोने की मांग बढ़ गई थी।