21 अगस्त तक 10 लाख कंपनियों की तरफ से टैक्स के रूप में 42,000 करोड़ रुपये आए हैं
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत अब तक 20 लाख कंपनियों ने ऑनलाइन टैक्स का भुगतान किया है और शुक्रवार को समाप्त होने वाली समय सीमा से पहले करीब 30 लाख और रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
जीएसटी नेटवर्क के चेयरमैन नवीन कुमार ने कहा कि टैक्स फाइलिंग की व्यवस्था का देखरेख कर रही जीएसटी नेटवर्क भीड़ से निपटने के लिए अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रखी है। पिछले सप्ताह अंतिम समय में कर रिटर्न दाखिल करने वालों की भीड़ बढ़ने के कारण जीएसटीएन पोर्टल ठप हो गया था।
इसके कारण टैक्स फाइल करने की समय सीमा बढ़ाकर 25 अगस्त की गई। कुमार ने कहा, ‘करीब 48 लाख टैक्स पेयर्स ने पोर्टल पर बिक्री आंकड़ा सेव करके रखा है। इसमें से 20 लाख रिटर्न फाइल कर चुके हैं और टैक्स का भुगतान कर चुके हैं।’
21 अगस्त तक 10 लाख कंपनियों की तरफ से टैक्स के रूप में 42,000 करोड़ रुपये आए हैं। ये टैक्स केंद्र जीएसटी, राज्य जीएसटी और एकीकृत जीएसटी के साथ कार और तंबाकू जैसी विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर उपकर के जरिए आए हैं। संग्रह आकड़े में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान है क्योंकि टैक्स पेयर्स की संख्या दोगुनी होकर 20 लाख पहुंच गई।
कुमार ने टैक्स संग्रह का कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन कहा कि शेष 28 लाख टैक्स पेयर्स अगले दो दिनों में टैक्स फाइल करेंगे। यह पूछे जाने पर कि समय सीमा नजदीक आने के साथ रिटर्न फाइलिंग के दबाव को झेलने में जीएसटी नेटवर्क कितना तैयार है, कुमार ने कहा कि 48 लाख पहले ही पोर्टल पर आ चुके हैं और इसीलिए भीड़ बढ़ने की संभावना नहीं है।
जीएसटी पोर्टल पर 19 नवंबर को टैक्स रिटर्न फाइल करने में तकनीकी समस्या की शिकायत के बाद सरकार ने कर भुगतान की समय सीमा 20 अगस्त से बढ़ाकर 25 अगस्त कर दी। कुमार ने कहा, ‘उस दिन एक घंटे हल्की तकनीकी समस्या रही। लाग इन में देरी की समस्या हुई। इसके बावजूद 19 अगस्त को 2.7 लाख रिटर्न फाइल किए गए।’