किसानों और सरकार में मोदी के दखल के बाद 2 फरवरी को फिर होगी बातचीत

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नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज (31 जनवरी) 67वां दिन है। इस बीच किसान नेताओं और सरकार के बीच अगली बातचीत 2 फरवरी को होनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में शनिवार को दखल दिया था। उन्होंने किसानों से अपील की थी कि सरकार हमेशा बातचीत के लिए तैयार है। मोदी ने कहा था कि वो और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से महज एक फोन कॉल दूर हैं।

इस बीच, बातचीत को लेकर भारतीय किसान यूनियन के मुखिया नरेश टिकैत ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार गिरफ्तार किए गए हमारे लोगों को छोड़े और बातचीत के लिए मंच तैयार करे। टिकैत ने मोदी की अपील पर कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी की गरिमा को कायम रखेंगे। हम तिरंगे का भी कभी अपमान नहीं होने देंगे।

22 जनवरी को हुई थी आखिरी बैठक
22 जनवरी को सरकार और किसान नेताओं के बीच 12वें दौर की बैठक हुई थी। इसके बाद सरकार ने कहा था कि नए कानूनों में कोई कमी नहीं है। आप (किसान नेता) अगर किसी फैसले पर पहुंचते हैं तो बताएं। फिर हम इस पर चर्चा करेंगे। इसके पहले 20 जनवरी को हुई मीटिंग में केंद्र ने डेढ़ साल तक नए कृषि कानूनों को लागू नहीं करने और MSP पर बातचीत के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था।

पिछले 6 दिन में 2 बार हुई हिंसा
26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में लाल किला समेत कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इसके बाद 29 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर भी पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस मामले में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

ट्रैक्टर रैली की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने रैली में शामिल ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल कॉल डेटा की पड़ताल की है। पुलिस को हिंसा से संबंधित 1700 वीडियो क्लिप और CCTV फुटेज भी मिल हैं। अब तक दिल्ली पुलिस ने 38 FIR दर्ज की हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सर्विस 31 जनवरी की रात 11 बजे तक बंद कर दी है।

गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में गाजीपुर जाने की अपील के बाद यूपी और हरियाणा से किसान वहां पहुंच रहे हैं। ऐहतियातन पुलिस ने सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।