नई दिल्ली। Supreme court Judges Property: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने का फैसला किया है। खबर है कि CJI यानी भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने हाल ही में सभी जजों को ऐसे निर्देश दिए हैं। फिलहाल, इसके तकनीकी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। खास बात है कि यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर कैश पाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों ने फैसला किया है कि वे अपनी संपत्ति का ब्योरा देंगे। ये पूरी जानकारी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। 1 अप्रैल को ही सभी न्यायाधीशों की बैठक हुई थी। हालांकि, पहले ही सीजेआई खन्ना समेत कई न्यायाधीश संपत्तियों की जानकारी अदालत को दे चुके हैं, लेकिन आंकड़े सार्वजनिक अब तक नहीं किए गए थे। फिलहाल, ये आंकड़े कब तक सामने आएंगे, यह भी तय नहीं है।
30 जज दे चुके हैं जानकारी
सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 30 जज अब तक संपत्तियों की जानकारी दे चुके हैं। जानकारी देने वालों में सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी, जस्टिस बीवी नागरत्न, जस्टिस एम एम सुंद्रेश, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस सुधांशु धूलिया, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस संजय कुमार, जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस अरविंद कुमार, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा, जस्टिस केवी विश्वनाथन, जस्टिस उज्जल भुइयां, जस्टिस एसवी भट्टी, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा, जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, जस्टिस संदीप मेहता। जस्टिस पीबी वराले, जस्टिस आर महादेवन, जस्टिस मनमोहन के नाम शामिल हैं।
जस्टिस यशवंत वर्मा केस
राष्ट्रीय राजधानी के लुटियंस क्षेत्र में जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास में 14 मार्च को आग लगने के बाद नकदी की जली हुई गड्डियां मिली थीं। सीजेआई खन्ना की गठित तीन सदस्यीय आंतरिक समिति मामले की जांच कर रही है। जस्टिस वर्मा ने नकदी रखे होने की किसी भी जानकारी से इनकार किया है।