Google Search पर दिख रहे Whatsapp यूजर्स के फोन नंबर

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नई दिल्ली। WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर यूजर्स पहले से ही कंपनी से नाराज चल रहे हैं। वहीं, अब एक और मामला सामने आ गया है। इस नए मामले के तहत WhatsApp ने यूजर्स का फोन नंबर कथित रूप से इंडेक्सिंग के जरिए गूगल सर्च पर एक्सपोज कर दिए हैं। कुछ ही दिन पहले यह रिपोर्ट आई थी कि WhatsApp ग्रुप्स गूगल सर्च में दिखाई दिए थे। इसका सीधा मतलब यह था कि यूजर्स कोई भी ग्रुप गूगल पर सर्च कर ढूंढ सकते हैं और उन्हें ज्वाइन भी कर सकते हैं।

राजशेखर राजारिया नाम के एक सिक्योरिटी रिसर्चर के अनुसार, गूगल सर्च में WhatsApp यूजर्स के फोन नंबर दिखाई दिए हैं। WhatsApp एक मोबाइल ऐप है लेकिन इसे लैपटॉप और पीसी में भी इस्तेमाल किया जाता है। राजशेखर राजारिया ने IANS को बताया कि WhatsApp वेब के जरिए यूजर्स के यह नंबर लीक हुए हैं। अगर कोई लैपटॉप या ऑफिस पीसी पर WhatsApp का इस्तेमाल कर रहा है तो मोबाइल नंबरों की इंडेक्सिंग की जा रही है। ये सभी नंबर्स इंडीविजुअल व्यक्ति के हैं न कि बिजनेस नंबर्स। उन्होंने कुछ स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किए हैं। उसे खतरनाक कहा जा सकता है क्योंकि कई प्रोफेशनल्स अपने लैपटॉप और पीसी के जरिए WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं।

कुछ दिन पहले ग्रुप चैट लिंक्स को गूगल सर्च पर देखा गया था। इसके चलते कोई भी ग्रुप्स को गूगल पर सर्च कर लिंक के जरिए उसे ज्वाइन कर सकता है। लेकिन अब इन लिंक्स को गूगल से रिमूव कर दिया गया है। राजशेखर राजारिया ने बयान जारी करते हुए कहा था कि WhatsApp के यूजर्स को सलाह देने और गूगल को ग्रुप चैट लिंक्स रिमूव करने के लिए कहने के वाबजूद भी WhatsApp वेब एप्लिकेशन के जरिए गूगल सर्च पर यूजर के मोबाइल नंबर इंडेक्स किए जा रहे हैं।

WhatsApp ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि मार्च 2020 से WhatsApp ने सभी डीप लिंस पेजेज पर नो इंडेक्स टैग लगा दिया था जिसके चलते गूगल उन्हें इंडेक्स नहीं कर सकता था। कंपने ने गूगल को यह फीडबैक दिया था कि वो इन चैट्स को इंडेक्स न करें।

देखा जाए तो अगर ऐसा ही चला तो लोगों का भरोसा WhatsApp से घटता दिखाई देगा। क्योंकि इससे पहले WhatsApp की सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव को लेकर यूजर्स नाखुश थे। WhatsApp ने यूजर्स को ऐप में ही नोटिफिकेशन भेजी थी यूजर्स का डाटा अब Facebook के साथ साझा किया जाएगा। यूजर्स को इस नोटिफिकेशन में Agree और Deny का विकल्प भी भेजा गया था। अगर यूजर्स उस पर सहमति नहीं जताते तो उनके अकाउंट को 8 फरवरी के बाद बंद कर दिया जाता। हालांकि, कई यूजर्स की इस पर सहमति नहीं थी तो लोगों ने WhatsApp को छोड़ टेलीग्राम और सिग्नल जैसे ऐप्स का रुख किया था।

हालांकि, कड़ी आलोचना के बाद WhatsApp ने अपने फैसले को फिलहाल टाल दिया है। कंपनी ने कहा है कि अगर कोई यूजर नई प्राइवेसी पॉलिसी को सहमति नहीं देता है तो उसका अकाउंट 8 फरवरी को सस्पेंड नहीं किया जाएगा। कंपनी ने यह भी कहा है कि अब फरवरी की जगह मई में नई पॉलिसी को लॉन्च किया जाएगा।