पेट्रोल पंप पर खुलेंगे “जन औषधि” स्टोर, मिलेंगी जेनरिक दवाएं

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रसायन और उर्वरक मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ फ़ार्मासूटिकल के अंतर्गत पेट्रोल पंपों पर भविष्य में जन औषधि स्टोर्स खोले जाएंगे।’

नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश भर में मौजूद सरकारी पेट्रोल पंपों पर जेनरिक दवाओं की दुकानें खोलने की योजना पर काम कर रही है। इन दुकानों को ‘जन औषधि’ स्टोर कहा जाएगा। योजना का मकसद आम लोगों को सस्ती कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराना है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी।

प्रधान ने बताया, ‘ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल पंपों पर गैर-ईंधन इकोसिस्टम शुरू करने के लिए टाईअप करने जा रही हैं। वहीं, रसायन और उर्वरक मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ फ़ार्मासूटिकल के अंतर्गत पेट्रोल पंपों पर भविष्य में जन औषधि स्टोर्स खोले जाएंगे।’

इससे पहले, बुधवार को ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत सरकारी कंपनियों द्वारा प्रमोट एनर्जी एफ़िशंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) और सरकारी ईंधन रिटेल कंपनियों के बीच पेट्रोल पंप पर कम बिजली खपत वाले एलईडी बल्ब बेचने को लेकर भी एमओयू साइन हुआ।

सरकार के दवा की दुकानें खोलने के प्रॉजेक्ट के लिए योग्य फार्मासिस्टों की कमी एक बड़ी चुनौती है। कानून के मुताबिक, इन दवाओं की दुकानों पर काबिल फार्मासिस्टों की जरूरत है। अधिकतर प्राइवेट दवा की दुकानें इन फार्मासिस्टों को दिखाती तो हैं, लेकिन वे शायद ही मौजूद रहते हैं।

सरकार के विभिन्न विभागों के बीच इस प्रॉजेक्ट को लेकर हुई बातचीत से जुड़े सूत्र ने कहा, ‘सरकारी उपक्रम होने के नाते हम प्राइवेट दवा की दुकानों जैसा रवैया नहीं अपना सकते।’ हालांकि, अधिकारियों को भरोसा है कि वे जल्द ही इस समस्या का हल ढूंढ निकालेंगे और इससे नई नौकरियों के दरवाजे भी खुलेंगे।

प्रधान ने बताया कि आईटी मिनिस्ट्री के तहत आने वाले ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ के कॉन्सेप्ट के तहत पेट्रोल पंपों पर पैन और आधार कार्ड जारी करने, दैनिक सेवाओं के बिल पेमेंट, बैंकिंग जैसी सेवाएं देने की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।

वहीं, एलईडी बल्बों की पेट्रोल पंपों की बिक्री को लेकर साइन हुए एमओयू पर ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह उदाहरण है कि मोदी सरकार के विभिन्न विभाग किस तरह एक यूनिट की तरह काम करते हैं।

ईईएसल ने इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के साथ गठजोड़ किया है। इसके तहत इन सरकारी ईंधन कंपनियों के 55 हजार पेट्रोल पंपों पर एलईडी बल्ब और अन्य बिजली बचाने वाले उपकरण बेचे जाएंगे। इन पेट्रोल पंपों पर हर रोज करीब साढ़े 3 करोड़ लोग आते हैं।