मुकंदरा क्षेत्र में बंद 3500 खदानें अब दोबारा शुरू होंगी, सेंसिटिव जोन की सीमा घटाई

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कोटा। मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के एक किमी के ईको सैंसटिव जोन (ईएसजेड) के बाहर अब खनन सहित अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को शुरू करने को लेकर सभी बाधाएं खत्म हो गई हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने c की सीमा 10 किमी से घटा एक किमी करने के संबंध में फाइनल गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से 27 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार ईको सेंसिटिव जोन में किसी भी प्रकार के खनन की अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त ईको सेंसिटिव जोन में प्रदूषण नहीं फैलाने वाले उद्योग लगाने की अनुमति है।

प्रोटेक्टेड एरिया के एक किमी के दायरे या ईको सेंसेटिव जोन की सीमा तक होटल या रिसोर्ट नहीं खोला जा सकेगा। परन्तु इस सीमा के परे सभी प्रकार की नई पर्यटन गतिविधियों अथवा पहले से चल रही पर्यटन संबंधी गतिविधियों के विस्तार की अनुमति होगी।

नोटिफिकेशन के अनुसार प्रोटेक्टेड एरिया की सीमा के एक किमी के भीतर या ईको सेंसेटिव जोन में किसी भी प्रकार के वाणिज्यिक निर्माण की अनुमति नहीं होगी, लेकिन इस क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय रहवासियों को उनके दैनिक उपयोग के लिए आवश्यक निर्माण की अनुमति दी जाएगी।

इसके अलावा इस क्षेत्र में गैर-प्रदूषणकारी उद्योग के लिए न्यूनतम आवश्यक निर्माण की भी अनुमति दी जाएगी। इस सीमा के परे जोनल मास्टर प्लान के अनुसार निर्माण की अनुमति रहेगी। ईको सेंसेटिव जोन में गैर प्रदूषणकारी लघु उद्योग, सेवा उद्योग, एग्रो बेस्ट उद्योग, फूलों की खेती-बागवानी आदि की भी अनुमति रहेगी। पर्यटन के दृष्टिकोण से ईको सेंसिटिव जोन के ऊपर हाॅट एयर बैलून, ड्रोन तथा माइक्रालाइट उड़ाने की भी नियमानुसार अनुमति होगी।

दो साल के भीतर बनाना होगा जोनल मास्टर प्लान
नोटिफिकेशन में राज्य सरकार को दो वर्ष के भीतर ईको-सेंसिटिव जोन के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसमें राज्य सरकार को स्थानीय नागरिकों से चर्चा के साथ-साथ नोटिफिकेशन में दिए गए अन्य निर्देशों की पालना तथा पर्यावरण, कृषि, पर्यटन, ग्रामीण विकास समेत अन्य विभागों को भी शामिल करने को कहा गया है।

श्रेय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को : गजट नोटिफिकेशन जारी होने पर पूर्व विधायक हीरालाल नागर, रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर तथा विधायक अशोक डोगरा ने इसका पूरा श्रेय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दिया है। तीनों नेताओं ने कहा कि बिरला क्षेत्र की समस्याओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। उनके इस प्रयास से एक लाख लोगों से अधिक का रोजगार सुरक्षित हुआ है।

एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार: नया नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इस क्षेत्र में खनन व पर्यटन उद्योग को पंख लग जाएंगे। ईको सेंसिटिव जोन की सीमा पूर्व में 10 किमी होने के कारण खनन बंद होने से इससे जुड़े सहगामी उद्योग व कार्यों तथा स्पिलिटिंग इकाइयों प्रभावित हुई थी। इस कारण एक लाख से अधिक लोगों का रोजगार छिन गया था। अब फिर से 3500 से अधिक खदानों में रौनक लौटेगी तथा एक लाख से अधिक श्रमिकों को भी रोजगार मिल सकेगा।

मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर, सेडूराम यादव ने बताया कि रिजर्व का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसका लंबे समय से इंतजार था। इसका अभी अध्ययन नहीं किया है।