प्रशासन की लापरवाही से कोटा में बेकाबू हुआ कोरोना

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कोटा। शहर में प्रशासन की लापरवाही से कोरोना महामारी बेकाबू हो चुकी है। महामारी अब कम्युनिटी ट्रांसमिशन जैसी स्थिति पर पहुंच चुकी है। यही वजह है कि अब चिकित्सा विभाग ने मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बंद कर दी है। यानी अब यह पता नहीं किया जा रहा कि मरीज कहां से संक्रमित हुआ, वह पिछले दिनों में किस-किसके संपर्क में आया। विभाग के बड़े अधिकारी अधिकृत तौर पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन को स्वीकार नहीं कर रहे

उनका कहना है कि यह घाेषणा सरकार ही कर सकती है। पिछले दिनों मेडिकल कॉलेज में हुई एक मीटिंग में जयपुर से आए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. आरपी शर्मा ने साफ कहा था कि सामुदायिक फैलाव जैसी स्थिति को देखते हुए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का औचित्य खत्म हो जाता है। ऐसे में पॉजिटिव मरीजों के परिजनों की सैंपलिंग व कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग बंद कर दी जाए।

इस मीटिंग के बाद कोटा में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग बंद कर दी गई। उस मीटिंग में कोटा चिकित्सा विभाग के सभी बड़े अधिकारी भी मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि आज की रिपोर्ट में एक और डॉक्टर पॉजिटिव आए हैं, जो मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग में कार्यरत है। इसके अलावा कुछ दंपती भी संक्रमित मिले हैं।

कोटा में 74 नए कोरोना मरीज
कोटा में शनिवार को 74 नए कोरोना मरीज आए। सूत्रों ने बताया कि एक और डॉक्टर पॉजिटिव आए हैं, जो मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग में कार्यरत हैं। इसके अलावा कुछ दंपती भी संक्रमित मिले हैं। वहीं, मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। ऑक्सीजन की खपत भी कम होने लगी है। कोटा के दो स्टेशन मास्टर सहित तीन रेलवे कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इनमें एक महिला स्टेशन मास्टर शामिल हैं। अब तक कोटा में 9 स्टेशन मास्टर कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। ए