नई दिल्ली। भारत में बहुत जल्द मैग्लेव ट्रेन (Maglev Train) दौड़ती नजर आ सकती है। भारत में सुपर स्पीड ट्रेन लाने के लिए सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने स्विस रैपिड एजी के साथ साझेदारी की है। इसकी जानकारी बीएचईएल ने दी है। कंपनी कई क्षेत्रों में अपना कारोबार फैलाना चाहती है और अर्बन ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर भी उनमें शामिल है। इसी योजना के तहत कंपनी भारत में मैग्लेव ट्रेन लाने की तैयारी कर रही है।
हाई स्पीड मैग्लेव ट्रेन को भारत में लाने के लिए ये साझेदारी की गई है। बता दें कि ये हाई स्पीड ट्रेन मैग्लेव फिलहाल सिर्फ चीन और जापान में ही चलती है। अब इसे भारत में चलाने की योजना बनाई जा रही है। बता दें कि भारत में हाईस्पीड ट्रेन को लेकर आकर्षण काफी बढ़ रहा है
मैग्लेव ट्रेन पटरी पर दौड़ने के बजाय हवा में रहती है। इसके लिए ट्रेन को मैग्नेटिक फील्ड की मदद से नियंत्रित किया जाता है। इसलिए उसका पटरी से कोई सीधा संपर्क नहीं होता। इस वजह से इसमें ऊर्जा की बहुत कम खपत होती है और यह आसानी से 500-800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। इसकी परिचालन लागत भी बहुत कम होती है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा
भेल ने कहा कि यह समझौता पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को ध्यान में रखकर किया गया है। यानी कि अब बीएचईएल स्विस रैपिड एजी के साथ मिल कर इस पर काम करेगी। इससे बीएचईएल दुनिया की अत्याधुनिक इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी को भारत लाने में मदद मिलेगी और वह भारत में मैग्लेव ट्रेनों का निर्माण करेगी।
बुलेट ट्रेन पर काम चल रहा है
बीएचईएल पिछले पांच दशकों से रेलवे के विकास में साझेदार है। कंपनी ने रेलवे को इलेक्ट्रिक और डीजल लोकोमोटिव की आपूर्ति की है। देश की पहली मेट्रो कोलकाता मेट्रो में भी बीएचईएल के प्रपल्शन सिस्टम लगे हैं। भारत में सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू हो चुकी है। वहीं, मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम चल रहा है।