नई दिल्ली। यदि कोई आपसे कहे कि आपके शरीर से ही स्मार्टफोन या कोई गैजेट चार्ज हो जाए तो शायद आपको मजाक लगेगा, लेकिन यह सच है कि आने वाले समय में इंसान अपने ही शरीर से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चार्ज कर सकेगा। जर्नल रिन्यूअल एनर्जी में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक थर्मोसेल की मदद से इंसान के शरीर, आसपास के वातावरण और तापमान से इलेक्ट्रिसिटी पैदा की जा सकती है। थर्मोसेल टाइप की डिवाइस सेमीकंडक्टर के मुकाबले बेहतर हैं, लेकिन आउटपुट के मामले में फिलहाल कमजोर भी हैं।
इस समस्या का समाधान करते हुए रूस की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी MISiS के वैज्ञानिकों ने थर्मोसेल के साथ मेटल ऑक्साइड इलेक्ट्रोड और एक्युअस इलेट्रोलाइट को लेकर अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इंसान के शरीर के तापमान का इस्तेमाल ऊर्जा के लिए किया जा सकता है।
उनका कहना है कि भविष्य में एक इलेक्ट्रोकेमिकल सुपरकैपेसिटर बनाया जा सकता है जो किसी गर्म सतह से चार्ज हो सकता है और ऊर्जा को लंबे समय तक संचय करके रख सकता है। अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए भविष्य मे ऐसे कपड़े बनाए जा सकेंगे जिनमें इलेक्ट्रॉनिक बैटरी होगी जो शरीर और वातावरण के तापमान से चार्ज होने में सक्षम होगी।
इस तरह की थर्मोसेल 0.2 वोल्ट का आउटपुट दे सकती हैं, हालांकि इसके लिए उसे 85 डिग्री तक के तापमान की जरूरत होगी। वहीं वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि भविष्य में इस आउटपुट को बढ़ाया भी जा सकेगा।