सरकार कर रही किसानों के आन्दोलन को कुचलने का प्रयास : किसान संघ

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फाइल फोटो
  • जोधपुर में पुखराज की मौत के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार
  • किसानों को दबाव में लेने के लिए बताई कोरोना से मौत
  • प्रदेश की सरकार पर भरोसा नहीं, एम्स से कराएं जांच

कोटा।भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में गत 25 दिनों से आन्दोलनरत किसानों की मांगों को नजरअंदाज करने के कारण से आत्मबलिदान करने वाले किसान पुखराज की मौत के लिए पूरी तरह से राज्य की सरकार और प्रशाासन जिम्मेदार है। भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री कैलाश गैंदालिया ने कहा कि पूर्व में भी सरकार की असंवेदनशीलता के कारण से किसान आत्महत्या करते रहे हैं। वहीं पुखराज की मौत भी प्रदेश सरकार की हठधर्मिता का ही परिणाम है। भारतीय किसान संघ शांति और संयम के साथ पुखराज समेत प्रदेश के किसानांे को उचित न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है।

प्रान्त महामंत्री जगदीश कलमंडा ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर लाॅकडाउन से पहले 12 फरवरी से संघर्षरत है। जिसके लिए किसानों के द्वारा 3500 से अधिक ज्ञापन देकर सरकार और प्रशासन को चेताया था। इसके बावजूद असंवेदशील शासन और प्रशासन उदासीन बना रहा। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने विवश होकर 21 जुलाई को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर चेतावनी मार्च निकालकर प्रशासन को अवगत करा दिया था।

यह भी बता दिया था कि आन्दोलन के व्यापक होने की जिम्मेदारी पूरी तरह से शासन और प्रशासन की होगी। जिसके बाद 5 अगस्त से किसान जोधपुर में अनवरत धरना दे रहे थे। धरने के 25वें दिन पुखराज किसानों की मांगों की बलिवेदी पर बलिदान हो गए। लेकिन सरकार ने 25 दिनों से किसानों से बात करना तक उचित नहीं समझा, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

संभागीय प्रवक्ता आशीष मेहता ने कहा कि पुखराज की मौत को सरकार अपनी ढाल बनाना चाहती है। इसी कारण से सरकार के द्वारा पुखराज को जानबूझकर कोरोना पाॅजिटिव घोषित किया गया है। कोरोना की आड़ में सरकार किसानों के आन्दोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। एक तरफ सरकार समर्थित लोग प्रदेश में जगह जगह प्रदर्शन करके सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिन पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

दूसरी ओर किसानों पर कोरोना की आड़ में मुकदमे लादे जा रहे हैं। किसानों के खिलाफ की जाने वाले हर अन्यायपूर्ण कार्रवाई की भारतीय किसान संघ निन्दा करता है। उन्होंने कहा कि पुखराज को कोरोना पाॅजिटिव बताना सरकार की साजिश है और किसानों को इस कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। ऐसे में, पुखराज की मौत की एम्स के माध्यम से जांच की जानी चाहिए। यदि किसानों के आन्दोलन को कुचलने का प्रयास हुआ तो विवश होकर प्रदेश भर के किसान जोधपुर की तरह आन्देालन की तरफ जा सकते हैं।