मुम्बई। Jeera Price: घरेलू मांग मजबूत रहने तथा निर्यात प्रदर्शन बेहतर होने के कारण हाल के दिनों में जीरा का हाजिर एवं वायदा भाव तेज हुआ था लेकिन बाद में निवेशकों / सटोरियों की मुनाफावसूली के कारण पिछले दिन इसका वायदा भाव 1.66 प्रतिशत गिरकर 24,290 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।
खाड़ी क्षेत्र के देशों में भारतीय जीरे की अच्छी मांग बनी हुई है क्योंकि एक तो तुर्की एवं सीरिया में जीरे का अत्यन्त सीमित स्टॉक बचा हुआ है और दूसरे, उसका दाम भी अपेक्षाकृत ऊंचा चल रहा है।
सकारात्मक आधार होने के बावजूद जीरा के दाम में थोड़ी नरमी आने का कारण यह है कि इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता में पहले जो जटिलता बनी हुई थी उसमें अब धीरे-धीरे सुगमता आने लगी है।
राजस्थान में अभी तक जीरे की आपूर्ति जोर नहीं पकड़ पाई है जबकि गुजरात में फसल कुछ लेट से आई है। दरअसल खराब मौसम के कारण जीरे की बिजाई एवं प्रगति आंशिक रूप से प्रभावित हुई जिससे फसल की आवक में लगभग एक माह की देर हो गई।
आधार भूत रूप से भारत अभी वैश्विक बाजार में सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य पर जीरा की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश बना हुआ है। इसका निर्यात ऑफर मूल्य 3050 डॉलर प्रति टन के आसपास चल रहा है जबकि चीन का जीरा इससे 200-250 डॉलर ऊंचे दाम पर उपलब्ध है।
भारतीय जीरे का भाव आकर्षक स्तर पर होने से इसकी निर्यात मांग मजबूत बनी हुई है। इसके फलस्वरूप आगामी समय में आयातकों की मांग के सहारे इसकी कीमतों में तेजी का माहौल बन सकता है।
मसाला बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के दस महीनों में भारत से जीरा का निर्यात तेजी से उछलकर 1.82 लाख टन की ऊंचाई पर पहुंच गया जो 2023-24 की समान अवधि से करीब 67 प्रतिशत अधिक रहा।
हालांकि फरवरी और मार्च 2025 का आंकड़ा सामने आना अभी बाकी है मगर समझा जाता है कि 2024-25 के सम्पूर्ण वित्त वर्ष में इसका कुल निर्यात 2 लाख टन की सीमा को पार कर गया।
यद्यपि दिसम्बर 2024 की तुलना में जनवरी 2025 के दौरान निर्यात 5.5 प्रतिशत की गिरावट आई मगर जनवरी 2024 के मुकाबले इसमें लगभग 38 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2022-23 के सीजन में 5.77 लाख टन जीरा का घरेलू उत्पादन हुआ था जो 2023-24 के सीजन में उछलकर 8.60 लाख टन पर पहुंच गया।
जीरा का भाव कुछ समय तक स्थिर रहने के बाद पुनः तेज होने की उम्मीद है और जब तक तुर्की, सीरिया, ईरान एवं अफगानिस्तान में नए माल की जोरदार आवक शुरू नहीं होती है तब तक इसकी निर्यात मांग मजबूत बनी रहेगी। राजस्थान में जीरे की आवक बढ़ने की संभावना है।