जयपुर। प्रदेश में सावन मास शुरू होते ही मेघों की आवाजाही के साथ मानसून की सक्रियता बढ़ रही है। वहीं जयपुर,अजमेर और टोंक जिले की पेयजल लाइफ लाइन बीसलपुर डेम फिर से छलकने की उम्मीद है। बीते साल ओवरफ्लो होने पर डेम के सभी गेट खोलकर पानी की निकासी की गई। वहीं इस बार मैन्युअली की बजाय ऑटोमेटिक सिस्टम स्काडा से बीसलपुर डेम के पानी स्टोरेज और डेम कैचमेंट एरिया की गतिविधियों की निगरानी नए कंट्रोल रूम से शुरू कर दी गई है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार साढ़े तीन करोड़ रुपए लागत से डेम के कैचमेंट एरिया में नया कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में स्काडा सिस्टम भी लगाया गया है जिसकी मदद से डेम के अलावा जयपुर स्थित विभाग के कार्यालय में आलाधिकारी डेम की गतिविधियों की सीधे निगरानी रख सकेंगे।
स्काडा सिस्टम से बीसलपुर डेम के गेट कंट्रोल रूम के अलावा जयपुर स्थित जल संसाधन विभाग कार्यालय से भी आॅपरेट करने की तकनीक शामिल है। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने इस तकनीक को फिलहाल डेम की परिस्थितियों के अनुकूल नहीं मानते हुए स्काडा सिस्टम से अलग रखा है।
गौरतलब है कि मंगलवार को बीसलपुर डेम का जलभराव 312.80 आरएल मीटर है जो डेम के कुल जल भराव का 56 फीसदी है। प्रदेश में मानसून आगामी तीन महीने सक्रिय रहने वाला है ऐसे में बीसलपुर डेम में गत वर्ष की तरह पानी की बंपर आवक होने व डेम के निर्माण के बाद छठी बार डेम छलकने और डेम के गेट खुलने की उम्मीद है।
वहीं ओवरफ्लो होने पर डेम के गेट आॅटोमेटिक सिस्टम से खोलने की तकनीक का परीक्षण सफल रहा है। ऐसे में डेम ओवरफ्लो होने पर पहली बार डेम के गेट स्काडा सिस्टम से खोले व बंद किए जाएंगे।