कोटा। भारतीय किसान संघ की ओर से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद का लक्ष्य बढाने की मांग को लेकर मंगलवार को कोटा संभाग में सभी तहसील केन्द्रों पर सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए चार किसानों के साथ धरने आयोजित किए। वहीं, संभाग में खरीद को लेकर हो रहे भेदभाव पर संभागीय आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा।
इससे पहले कमिश्नर कार्यालय के सामने प्रान्त महामंत्री जगदीश कलमंडा, संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता, जिलाध्यक्ष गिरीराज चौधरी तथा जिला प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव ने धरना दिया। इस दौरान तहसील केन्द्रों पर चल रहे धरनों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए प्रान्त महामंत्री जगदीश कलमंडा ने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद में कोटा संभाग में खरीद लक्ष्यों की मात्रा का निर्धारण भेदभावपूर्ण तरीके से किया गया है। यह खरीद लक्ष्य कुल उत्पादन का 10 प्रतिशत ही है। जबकि, प्रदेश सरकार ने कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत खरीदने की घोषणा की थी। ऐसे में संभाग के चारों जिलों में खरीद लक्ष्य बढाकर 12 लाख 12 हजार मेट्रिक टन किया जाना चाहिए।
हाड़ौती में 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पाद
संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने बताया कि बीकानेर संभाग में किसानों की सम्पूर्ण उपज की खरीदी की जा रही है। ऐसे में, केवल कोटा के साथ ही भेदभाव किया जा रहा है। हाड़ौती में कुल 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ है। इसके बावजूद सरकार ने केवल 4 लाख 74 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है। जिसे बढाकर 12 लाख मीट्रिक टन किया जाना चाहिए। कुछ दिनों बाद जून में बारिश शुरू हो जाएगी। तब किसानों की उपज को खरीद पाना लगभगी असंभव हो जाएगा। वहीं, उपज के भीग जाने पर खराब होने का खतरा भी है।
हाड़ौती में गेहूं का उत्पादन, लक्ष्य और मांग
जिला | बुवाई (हेक्टेयर) | उत्पादन (मीट्रिक टन) | लक्ष्य(मीट्रिक टन) | मांग (मीट्रिक टन) |
बारां | 1.78 लाख | 8.03 लाख | 78 हजार | 3.21 लाख |
झालावाड | 1.35 लाख | 4.99 लाख | 44 हजार | 1.99 लाख |
कोटा | 1.65 लाख | 9.40 लाख | 1.91 लाख | 3.76 लाख |
बूंदी | 1.76 लाख | 7.89 लाख | 1.61 लाख | 3.15 लाख |
खरीद केंद्रों की क्षमता 1500 क्विण्टल हो
जिलाध्यक्ष गिरीराज चैधरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते मंडियों में क्रय विक्रय की गति भी अत्यंत धीमी है। वर्तमान में जो खरीद लक्ष्य निर्धारित हैं, वे आधे दिन में ही निपट जाती है। ऐसे में, खरीद केन्द्रों की प्रतिदिन क्षमता बढाकर किसानों की समस्या को कम किया जा सकता है। अभी खरीद केन्द्रों पर केवल 500 क्विण्टल गेहूं खरीदा जा रहा है। जिसे बढाकर 1500 क्विण्टल किया जाना चाहिए।
किसानों पर एक प्रतिशत टैक्स भी समाप्त हो
जिला प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव ने कहा कि सरकार की ओर से कृषक कल्याण कोष के नाम पर 2 प्रतिशत सेस लगाया गया था। जिसे भारतीय किसान संघ के आन्दोलन के चलते घटाया गया है। लेकिन इस घटाए गए टैक्स से भी किसान की समस्या कम नहीं होने वाली है। कोरोना के संकट काल में जहां सभी को राहत दी जा रही है, वहीं, किसानों से टैक्स वसूल करना अन्याय है। किसानों से वसूला जाने वाला एक प्रतिशत टैक्स भी समाप्त किया जाना चाहिए।
यहां भी दिए धरने
संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने बताया कि कोटा जिले में दीगोद, पीपल्दा, रामगंजमंडी और सांगोद में धरने दिए गए। इसके अलावा बारां जिले में अन्ता, अटरू, बारां नगर, छबड़ा, छीपाबड़ौद, किशनगंज, मांगरोल और शाहाबाद में धरने के बाद ज्ञापन दिए गए। वहीं, झालावाड़ में भी अकलेरा, गंगधार, झालरापाटन, खानपुर, मनोहरथाना, पचपहाड़ और पिड़ावा तथा बूंदी जिले में नगर, हिण्डोली, इन्द्रगढ, केशवरायपाटन, नैनवां में धरना आयोजित हुआ।