देश में कोरोना संकट के बावजूद गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल से ज्यादा

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए यातायात पर लागू पाबंदियों के बाद भी चालू मार्केटिंग सत्र में अब तक हुई गेहूं की सरकारी खरीद पिछले सत्र के स्तर को पार कर चुकी है। चालू मार्केटिंग सत्र 2020-21 में अब तक सरकारी एजेंसियों ने कुल 3.415 करोड़ टन की खरीदारी कर ली है। पिछले साल कुल 3.413 करोड़ टन गेहूं की सरकारी खरीदारी हुई थी।

सरकार ने 2020-21 में 4.07 करोड़ टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। गेहूं का मार्केटिंग सत्र अप्रैल से मार्च तक चलता है। लेकिन अधिकतर खरीदारी पहले तीन महीनों (अप्रैल-जून) में ही हो जाया करती है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) और अन्य सरकारी एजेंसियां न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदने का कार्य करती हैं।

पंजाब में 1.258 करोड़ टन की खरीदारी
खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चालू विपणन वर्ष में 24 मई तक कुल गेहूं खरीदारी 3.415 करोड़ टन हो गई है, जो पिछले साल की 3.413 करोड़ टन की खरीद से ज्यादा है। इसमें से पंजाब में 1.258 करोड़ टन, मध्य प्रदेश में 1.133 करोड़ टन, हरियाणा में 70.6 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 20.3 लाख टन, उत्तराखंड में 31,000 टन, गुजरात में 21,000 टन, चंडीगढ़ में 12,000 टन और हिमाचल में 3,000 टन गेहूं की खरीदारी हुई है।

15 अप्रैल से सरकारी खरीदारी का काम शुरू हुआ
मंत्रालय ने कहा कि गेहूं की कटाई आम तौर पर मार्च के अंत में शुरू होती है। खरीदारी का काम अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू होता है। लेकिन इस बार 24 मार्च से लॉकडाउन लागू हो गया। इसके कारण सभी तरह की गतिविधियां रुक गईं। इस समय तक फसल पक गई थी और वो कटने के लिए तैयार थी। इसे देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कृषि व सहायक गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दे दी। इसके बाद जिन राज्यों में खरीदारी होती है, उनमें से अधिकतर राज्यों में 15 अप्रैल से सरकारी खरीदारी का काम शुरू हो पाया।

वायरस से मजदूरों की सुरक्षा के लिए पूरे इंतजाम किए गए
तीसरी चुनौती, मजदूरों की कमी के साथ साथ वायरस के बारे में जनता के बीच सामान्य भय था। मजदूरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए मास्क, सैनिटाइटर आदि प्रदान करने के साथ-साथ अन्य एहतियाती उपाय भी किए गए। मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार, एफसीआई, राज्य सरकारें और उनकी एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के साथ, सभी गेहूं उत्पादक राज्यों में इस अनाज की खरीद का काम बहुत सुचारू रूप से किया जा सका। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने तीसरे अनुमान में इस बार गेहूं उत्पादन के 10 करोड़ 71.8 लाख टन के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में 10.36 करोड़ टन गेहूं पैदा हुआ था।