बच्चों में चरित्र निर्माण संबंधी ‘मस्ती की पाठशाला’ का समापन

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कोटा। लॉकडाउन में बच्चों के चरित्र निर्माण के लिए अखिल भारतीय माहेश्वरी महिला मंडल संगठन के तत्वावधान में बाल एवं किशोरी विकास समिति की ओर से छह मई से शुरू ई-संस्कार वाटिका ‘मस्ती की पाठशाला’ का आज समापन हो गया है।

पूर्वी राजस्थान अध्यक्ष कुंती मूंदड़ा ने बताया की पूर्वी राजस्थान से ई-संस्कार वाटिका में करीब 460 बच्चों ने भाग लिया। कोटा, बूंदी, झालावाड़ एवं बारां ज़िलों के बच्चों ने बहुत उत्साह से भाग लिया। राजस्थान प्रदेश बाल एवं किशोरी विकास समिति की संयोजिका अंकिता राठी ने बताया की बच्चों को संस्था की ओर से ऑनलाइन लिंक भेजे गए थे।

उस लिंक से सब बच्चे जुड़ते गए। ई-संस्कार वाटिका लिंक से जुड़ने के बाद बच्चों को रोज़ाना एक वीडियो भेजा गया। इसमें योगा, प्राणायाम, सन्त उपदेश, शिव तांडव स्तोत्र श्लोक, परिवार संवाद,आर्ट एंड क्रॉफ़्ट तैयार करना महापुरुषों की प्रेरक कहानियां आदि को शामिल किया गया है। इससे संबंधित प्रश्न पूछे गए। वहीं बच्चों की जिज्ञासा का समाधान किया गया।

प्रतियोगिता में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त होने वाले बालक बालिकाओं को ज्ञानवर्धक पुस्तकें पुरस्कार के रूप में दी जाएंगी। सह संयोजिका मधु मोदानी ने बताया कि ई-संस्कार वाटिका मस्ती की पाठशाला में 40 बच्चों ने प्रतियोगिता में प्रथम एवं 45 बच्चों ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। राष्ट्रीय प्रभारी नीमला मारू ने बताया कि 15 दिन का ये शिविर निश्चित ही बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण करेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी ने बताया कि इस शिविर में पूरे भारत से क़रीब 35 हज़ार बच्चों ने भाग लिया। क़रीब तीन सौ NRI बच्चों ने भी भाग लिया।