नई दिल्ली। अगर आप नौकशीपेशा हैं तो आपने भी आईटीआर दाखिल कर दिया होगा। आईटीआर दाखिल करने से पहले कंपनी की ओर से आपको फॉर्म 16 दिया गया होगा जिसमें आपने अपने साल भर की सेविंग के हिसाब से टैक्स छूट के लिए क्लेम किया होगा।
लेकिन अगर किसी सूरत में आपकी कंपनी ने आपकी सैलरी से ज्यादा टीडीएस काट लिया तो आप उसे वापस भी पा सकते हैं। हम इस रिपोर्ट में आपको इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। इस संबंध में हमने Salaried employeeटैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट प्रमोद लाहोटी से बात की है।
क्या करना होगा
ऑनलाइन फाइल करें रिटर्न: अगर आप चाहतें है कि आपकी ओर से रिफंड क्लेम में आसानी रहे तो बेहतर होगा कि आप अपना आईटीआर ऑनलाइन फाइल करें। ऑनलाइन आईटीआर फाइलिंग से रिफंड क्लेम में आसानी रहती है।
रिटर्न को ई-वेरिफाई करें
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग (आईटीआर) के साथ ही इसको वेरिफाई करवाना भी जरूरी होता है, इसके बिना आपका आईटीआर आवेदन पूरा नहीं माना जाता है। आईटीआर का वेरिफिकेशन आप आधार नंबर, इंटरनेट बैंकिंग, डिजिटल सिग्नेचर और ओटीपी के जरिए कर सकते हैं।
बैंक अकाउंट डिटेल
आईटीआर रिटर्न दाखिल करते समय बेहतर होगा कि आप अपने बैंक की सारी डिटेल दें। मसलन बैंक अकाउंट नंबर (9 डिजिट का या उससे ज्यादा) और आईएफएससी कोड (IFSC) कोड़ को अच्छे से चेक करके दर्ज कराएं।
फॉर्म 26AS जरूर देख लें:
आईटीआर के तहत टीडीएस क्लेम करने से पहले आपके लिए यह जरूरी है कि आप पहले फॉर्म 26AS देखकर अपनी टीडीएस कटौती की जानकारी हासिल कर लें, या उसे वेरिफाई कर लें।
तय समय पर भरें ITR
अगर आप चाहते हैं कि आपके आईटीआर रिफंड में किसी भी तरह की मुश्किल न आए तो आप तय समय यानी 31 जुलाई 2017 तक आईटीआर फाइल कर दें।
कहां से भरें आईटीआर
बेहतर होगा कि आप या तो बेवसाइट पर मौजूद यूटिलिटी से आईटीआर फाइल करें या फिर इनकम टैक्स अकाउंट को लॉग-इन करके आप आईटीआर-1 या आईटीआर-4 फॉर्म भरें।