नई दिल्ली । बीमा राशि जिस पर दस साल से दावा नहीं किया गया है, उसे अगले साल एक मार्च तक कंपनियों को एक फंड में जमा कराना होगा। यह फंड वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। बीमा नियामक इरडा ने मंगलवार को कंपनियों को यह निर्देश दिया है।
इरडा के मुताबिक, 30 सितंबर, 2017 तक दस साल की अवधि से ज्यादा समय से अगर पॉलिसीधारक की बीमा राशि पर दावा नहीं किया गया है तो कंपनियां उसे वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (एससीडब्ल्यूएफ) में ट्रांसफर करें।
नियामक ने बीमा कंपनियों को वित्तीय सेवा विभाग से संपर्क करने के लिए कहा है। विभाग से उन्हें ऐसे खातों का विवरण प्राप्त करने के साथ उस निर्धारित प्रारूप को लेना है जिसमें दावा नहीं की गई राशि को जमा करना है।
क्या है सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड
केंद्र सरकार वित्त कानून के तहत वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष कानून, 2015 लाई थी। यह सभी छोटी बचत योजनाओं, कर्मचारी भविष्य निधि, बीमा कंपनियों और बैंकों के खातों के खातों से अनक्लेम्ड अमाउंट को ट्रांसफर करना अनिवार्य करता है।
इस निधि की स्थापना वरिष्ठ नागरिकों के हेतु कल्याणकारी कार्यों जैसे कि वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, ओल्ड एज होम और एक्ट में निर्दिष्ट अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए की गई थी।
सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड (एससीडब्ल्यूएफ) केंद्र सरकार का एक पब्लिक अकाउंट होगा जिस पर ब्याज भी दिया जाएगा। इस खाते में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर का निर्धारण वित्त मंत्रालय की ओर से निर्धारित और अधिसूचित की जाएगी।
बीमा क्षेत्र में बढ़ रहा है अनक्लेम्ड अमाउंट
लोकसभा में दिए गए एक जवाब के मुताबिक लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में अनक्लेम्ड अमाउंट दोगुना होकर 10,527 करोड़ हो गया है जो कि 31 मार्च 2015 से 31 मार्च 2016 तक 5,440 करोड़ रहा था। लिमिटेशन एक्ट-1963 के अंतर्गत तीन साल के भीतर पॉलिसी होल्डर के क्लेम को निपटाने की सुविधा प्रदान करता है।